भोपाल। मध्यप्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. आंदोलन तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के बैनर तले तीन चरणों में नवंबर, दिसंबर और जनवरी में किया जाएगा. अगर इन आंदोलनों के बाद भी सरकार ने कर्मचारियों की मांगों का निराकरण नहीं करती तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल, सामूहिक अवकाश जैसे आंदोलन किए जाएंगे, जिसकी तारीख बाद में घोषित की जाएगी.
मध्यप्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में ब्लॉक और तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपे जाएंगे. दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में जिला स्तर पर धरना और प्रदर्शन के बाद रैली निकालकर कलेक्टर को सीएम के नाम का ज्ञापन सौंपा जाएगा. जनवरी के दूसरे सप्ताह में राजधानी में प्रदेश स्तर का धरना आयोजित किया जाएगा. जिसमें संघ के पदाधिकारी शामिल होंगे और रैली निकालकर मुख्य सचिव को सीएम के नाम का ज्ञापन सौंपा जाएगा.
जिन मांगों को लेकर आंदोलन किया जाएगा, उनमें प्रमुख हैं वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए, केंद्र के समान भत्ते दिए जाएं, शिक्षक और लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए, पदोन्नति पर लगी रोक को हटाकर सशर्त पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, संघ द्वारा पूर्व में सौंपे गए 24 सूत्रीय मांग पत्र का तुरंत निराकरण किया जाए, सरकार ने जो वचन पत्र में वादे किए हैं, उन वादों को पूरा किया जाये.
महासमिति की बैठक में संगठन के सदस्यता आंदोलन चलाने और संभागीय सम्मेलन करने का भी निर्णय लिया गया. महासमिति को मध्यप्रदेश वाहन चालक कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, राज्य कर्मचारी संघ और निगम मंडल कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन का समर्थन किया है. महा समिति में 35 जिलों से आए जिला अध्यक्ष, ब्लॉक एवं तहसील स्तर के पदाधिकारियों के साथ ही संभागीय एवं प्रांतीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.