भोपाल।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार लगातार सदन से भाग रही है, उसके पास विपक्ष के सवालों का कोई जवाब नहीं है, मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार को घेरा.
जानबूझकर स्थगित कराया सत्र
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि शिवराज सरकार ने मानसून सत्र 4 दिन के लिए बुलाया और उसके बाद केवल 3 घंटे कार्रवाई चलने के बाद सत्र स्थगित कर दिया, अगर सरकार की मंशा सदन चलाने की होती, तो कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित करके दोबारा बुलाई जा सकती थी, प्रजापति ने कहा सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं थी, इसलिए सारे महत्वपूर्ण कार्य दूसरे दिन के लिए सुरक्षित रखे गए, शोर-शराबे के बीच विधेयक पास करा दिए गए और जानबूझकर समय से पहले विधानसभा स्थगित करा दी.
बलात्कार में नंबर वन मध्य प्रदेश
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सड़क से लेकर विधानसभा तक आदिवासी समाज के साथ अन्याय का विरोध किया है, ओबीसी आरक्षण लागू कराने के लिए भी कांग्रेस सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करने को तैयार है, 11 अगस्त को विधानसभा घेराव के दौरान युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता लहूलुहान हो गए, उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी.
ऐसा कोई दिन नहीं जब बेटियों पर न हो जुल्म
पीसी शर्मा ने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन मध्य प्रदेश में बेटियों पर जुल्म नहीं होता है, शिवराज सरकार में महिला उत्पीड़न के मामले चरम पर है। बलात्कार की घटनओं भी प्रदेश फिर से देश में नंबर वन हो गया है.
कोरोना से मौतें छुपा रही सरकार
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को छुपाने के लिए तरह-तरह के आदेश निकाले हैं, मृत्यु प्रमाण पत्रों में मृत्यु के कारण की जानकारी ना देने के लिए निर्देश दिए गए, आंकड़ों में हेरफेर की बात को खुद सरकार ने स्वीकार किया है, लापरवाही की वजह से लोग चिकित्सा, दवा,ऑक्सीजन की कमी के शिकार हुए हैं, जो उत्तरदायित्व सरकार का है. सरकार योजनाओं का लाभ देने से बचना चाहती है.
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा बयान
महिला अत्याचार, रेप मामलों में मध्य प्रदेश नंबर एक पर है, ये पार्लियामेंट में रिपोर्ट पेश की गई है, ये एक साल में 26 महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ, और डबरा की घटना में नाबालिग बच्चियों के साथ गैंग रेप होता है और उनकी हत्या कर दी जाती है, वो भी उनकी मां के सामने, इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा, ग्वालियर में एक महिला के साथ डबल गैंगरेप हुआ जो मीडिया ने दिखाया.
कोरोना काल की बात करें, तो सिर्फ भोपाल के भदभदा विश्राम घाट में 6500 लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार हुआ. अप्रैल महीने में एक दिन के अंदर 108, मेरे विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो लगभग 1200, मध्य प्रदेश की बात करें तो 2 लाख 30 हजार होती है, इन्होंने आंकड़े छुपाए हैं, हमारे पास पूरे पूर्फ हैं श्मशान घाट के.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति बयान
विधानसभा में क्या हुआ क्या नहीं हुआ, ये झूठ बोलने में इतने पारंगत हो चुके हैं, भारतीय जनता पार्टी वाले कि ये फिर झूठ परोसने लगे. तीन घंटे में ये विधानसभा खुद खत्म करते हैं, आम जनता की चर्चा कि जैसे मैंने बोला कि क्या मुद्दे थे भईया विधानसभा में, हम लोग क्या-क्या चर्चा करवाना चाहते थे.
डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस, महंगाई, इसपे स्थगन और 139 पर चर्चा करना चाहते थे, 27 प्रतिशत पर करवाना चाहते थे, आदिवासियों पर करवाना चाहते थे, नेमावर हत्याकांड पर करवाना चाहते थे, बाढ़ की तबाही पर करवाना चाहते थे, कोरोना मौत पर करवाना चाहते थे, जहरीली शराब पर करवाना चाहते थे.
पेगासस जासूसी पर करवाना चाहते थे, भ्रष्टाचार पर करवाना चाहते थे, बलात्कार पर करवाना चाहते थे, किसानों पर करवाना चाहते थे, इतने सारे मुद्दे थे, ये लोग घिर गए तिलमिला गए. छातियां पिटने लग गए, कि इनके जवाब तो हमारे पास हैं नहीं, अगर इसमें से किसी भी मुद्दे को ले लेंगे, और जनता के बीच असलीयत आ गई, तो हम क्या जवाब देंगे, क्या मुंह दिखाएंगे बाहर, 10 किलो की जगह 5 किलो का थैला वो भी हमने घुना हुआ बांट दिया है
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अगर इसपर चर्चा हुई तो हम क्या करेंगे, तो बंधु बात वहीं आकर रुकती है, जो आपका प्रश्न है, हम लोगों के विपक्ष का जो हथियार था, कड़ाई से जनता के हक में हम लोग लड़ने पहुंचे विधानसभा, लेकिन ये उत्तर न होने के कारण पीछे के दरवाजे से निकल गए, भाग गए.