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Face To Face Water Man Rajendra Singh: विश्व युद्ध से बचना है तो नदियों को बचाओ, वॉटर मैन की चेतावनी, खतरे में 'चंबल'

Face To Face Water Man Rajendra Singh: तीसरे विश्व युद्ध से बचना है तो नदियों को बचाओ. वॉटर एक्टिविस्ट राजेन्द्र सिंह ने दुनिया को ये संदेश दिया है विश्व जल शांति यात्रा के जरिए. इस यात्रा का पड़ाव अभी ग्वालियर में है. Water Man राजेन्द्र सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. (third world war on water rajendra singh)

Face To Face Water Man Rajendra Singh
फेस टू फेस वॉटर मैन राजेन्द्र सिंह

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Published : Dec 11, 2021, 6:03 AM IST

Updated : Jan 1, 2022, 10:38 AM IST

ग्वालियर। Water Man यानि जल पुरुष के नाम से प्रख्यात राजेंद्र सिंह विश्व जल शांति यात्रा निकाल रहे हैं. ये यात्रा शुक्रवार को ग्वालियर पहुंची. इस मौके पर 'जल पुरुष' राजेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. राजेन्द्र सिंह ने कहा है कि 2015 से पूरे देश और दुनिया में विश्व जल शांति यात्रा कर रहे हैं. अब यह यात्रा विरासत बचाओ यात्रा में बदल गई है. ये यात्रा अब ग्वालियर पहुंची है .यहां पर तीन दिन का सम्मेलन है. जल संरक्षण पर कम करने वाले 25 राज्यों से लोग यहां पहुंचेंगे .Water Man राजेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से कई मुद्दों पर खास चर्चा की.(Face To Face Water Man Rajendra Singh)

वॉटर मैन राजेन्द्र सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

सवाल:देश में लगातार गहरा रहे जल संकट को लेकर क्या कहेंगे

जवाब : इस समय भारत में नदियां सूख रही हैं, मर रही हैं. बुंदेलखंड के लोग भी पानी की कमी के कारण पलायन कर रहे हैं. अगर यही हालात रहे तो बहुत कम समय में ही तीसरा विश्व युद्ध हमारे सामने ही हो जाएगा. यदि हम दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध से बचाना चाहते हैं (third world war on water rajendra singh) तो इस उजाड़ को रोकना होगा. यह उजाड़ तब रुकेगा जब गांव में पानी होगा.

सवाल: पूरे देश भर में लगातार जल संकट गहरा रहा है. इसके पीछे क्या कारण हैं.

जवाब: इस समय पूरे देश भर में जल संकट तेजी से गहरा रहा है. जल संकट गहराने की तीन कारण हैं. जिनमें से प्रमुख कारण यह है कि जो जल की जमीन है, जैसे नदी तालाब पोखर, उन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है. दूसरा प्रमुख कारण है कि देश की नदियां लगातार प्रदूषित हो रही हैं. तीसरा कारण यह है कि जो बड़े लोग हैं ,वह नदियों का शोषण कर रहे हैं. इसलिए ग्वालियर में जल संकट को लेकर 3 दिन का सम्मेलन रखा है. जिसमें 25 राज्यों के लोग इकट्ठा हुए हैं. इसी सम्मेलन में समाधान निकालेंगे कि जल संकट से कैसे उबरा जाए. नदी तालाब और दूसरों को कैसे बचाया जाए.

सवाल :देशभर की नदियों में लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है. इससे कितना नुकसान है.

जवाब: जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में फेफड़े जितने जरूरी हैं, उतने ही नदी में रेत का (water man exclusive interview gwalior) होना बहुत जरूरी है. यदि हम नदी का सारा रेत निकाल लेंगे तो नदी के जल शोधन की क्षमता मर जाएगी. उसके बाद नदी में पानी दूषित रहेगा और बीमार होकर नदी पूरी तरह मर जाएगी. इसलिए हम लगातार ये कह रहे हैं कि हमें जीत नहीं बल्कि नदी चाहिए. अगर ऐसे ही नदियों में रेत का उत्खनन होता रहा तो इस देश में एक समय ऐसा आएगा, जब नदियों में पानी नहीं बचेगा.


सवाल: चंबल नदी में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर आप क्या कहेंगे.

जवाब: ग्वालियर में हो रहे इस सम्मेलन में चंबल नदी को अवैध उत्खनन से बचाने के लिए नदी पाठशाला करने का संकल्प लेने वाले हैं. लगातार चंबल नदी में हो रहे भारी अवैध उत्खनन के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है. चंबल के अस्तित्व को बचाने के लिए उसकी मैपिंग करना बहुत आवश्यक है. क्योंकि चंबल में कई नदियों का पानी आकर मिलता है. और भैया सबसे स्वच्छ नदी मानी जाती है, लेकिन अवैध उत्खनन के कारण इसका अस्तित्व अब धीरे-धीरे समाप्त हो जा रहा है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 10:38 AM IST

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