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Face To Face Jagdish Devda: कर्ज लिया है तो चुका भी रहे हैं, तरक्की के लिए बुरा नहीं कर्ज

कर्जा लेना बुरी बात नहीं है. बस कर्ज का सदुपयोग होना चाहिए. ये कहना है प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का. देवड़ा का कहना है कि बढ़ता कर्ज समस्या नहीं है. इससे अगर विकास को गति मिलती है, तो जरूर लेना चाहिए.(Face To Face Jagdish Devda)

Face To Face Jagdish Devda
फेस टू फेस जगदीश देवड़ा वित्त मंत्री एमपी

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Published : Jan 1, 2022, 6:04 AM IST

भोपाल। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आने वाले साल में राजस्व बढोतरी की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के राजस्व जुटाने वाले विभागों में लगातार नवाचार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्ज लिया जा रहा है, लेकिन उसे लगातार चुकाया भी जा रहा है. उम्मीद है कि आने वाला साल प्रदेश के राजस्व के हिसाब से बेहतर होगा. वित्तमंत्री के मुताबिक युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने प्रयास किए जा रहे हैं. (jagdish devda on loan on government )लोने लेने की प्रक्रिया में भी सरल बनाई जा रही है. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीष देवड़ा से मध्य प्रदेश के ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी की चर्चा.

कर्ज लिया है तो चुका भी रहे हैं, तरक्की के लिए बुरा नहीं कर्ज

सवाल: मध्यप्रदेश का 2022 आप कैसा देखते हैं?
जवाब:परमपिता परमेश्वर से हम प्रार्थना करते हैं कि आने वाला साल 2022 पूरे प्रदेश और देश के लिए शुभ और मंगल हो. बेहतर से बेहतर व्यवस्था नए साल में हो. कोरोना के इस संकट से मुक्ति मिले और पिछले समय देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा था. मुझे लगता है कि अब धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आ रही है. मध्यप्रदेश में राजस्व संग्रह करने वाले जितने भी विभाग है, उनमें अच्छी बढ़ोतरी हुई है. कोरोना के महासंकट के होते हुए भी प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आई. चिकित्सा, जनकल्याणकारी सभी काम प्रदेश में हुए हैं . ऐसे तमाम कामों के लिए धन की कोई कमी नहीं (jagdish devda exclusive interview mp)आई.

सवाल : रोजगार और बड़े उद्योग प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती है, इसे कैसे पूरा करेंगे?
जवाब: आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश उसी लाइन पर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह आत्मनिर्भर भारत का सपना संजोया है. इस दिशा में जो कदम बढ़ाया है, निश्चित रूप से उसके तहत उन्होंने स्पेशल पैकेज देकर सभी प्रदेशों को ताकत प्रदान की है. उससे प्रदेश को बल मिला है.

सवाल: एमएसएमई की पाॅलिसी है, जो युवा रोजगार की पाॅलिसी है इस सभी में वित्त की जरूरत है. कोरोना की वजह से यह सभी पिछड़ गया है. इसको कैसे गति दे पाएंगे?
जवाब: बहुत सारी योजनाएं हैं, सभी का विस्तार से वर्णन नहीं करूंगा. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी को रोजगार मिले, इसके लिए छोटे-छोटे उद्योग और कामों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. ताकि युवा अपने पैरों पर खड़े हो सकें. इसके लिए हाल में बैंकर्स की बैठक बुलाकर कहा है कि युवाओं को लोन लेने में सरलीकरण हो और यह अपने पैर पर खड़े हो जाएं, इसके लिए प्रयास हुए हैं.

सवाल: एमएसएमई के क्षेत्र में एक सीजीटीएमएस स्कीम है, जिसमें 2 करोड़ तक के लोन की बात है. इसमें सरकार ने ब्याज की गारंटी की बात कही, लेकिन बैंक उस पक्ष में नहीं जाते, कैसे नकेल सकेंगे?
जवाब: बैंकों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. पिछले दिनों हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी बैंकों से कहा है कि इस काम को आगे बढ़ाना है.

सवालःसीजीटीएमएस स्कीम में ब्याज दर ज्यादा है और बैंक परेशानी भी करते हैं, सरकार क्या नीति बना रही है?
जवाब: सरकार पूरी तरह से यह चाहती है कि हमारे नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, उस दिशा में सरकार काम कर रही है.

सवाल:एक बड़ा सवाल कर्ज का है. मध्यप्रदेश के ऊपर 2.50 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जा है और इस इतना ही सरकार का बजट भी है. जिस तरह से कर्ज बढ़ रहा है, क्या बजट भी इसी तरह से बढ़ेगा और कैसे मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में आ जाएगा?
जवाब: देश में नंबर एक पर प्रदेश आए यह हमारी कोशिश है. जहां तक सवाल कर्जे का है कर्जा सभी सरकारें जरूरत(loan on shivraj government ) पड़ने पर लेती हैं. कर्ज लेने की गाइडलाइन बनी हुई है. इस गाइडलाइन के हिसाब से ही कर्ज लिया जाता है. कर्ज चुकाया भी जाता है. आय के साधन बढ़ाने का हम प्रयास कर रहे हैं. निरंतर हम प्रयास कर रहे हैं. अपने राजस्व वाले विभागों में लगातार नवाचार हो रहे हैं. सरकार का राजस्व बढ़ेगा तो कर्जा भी चुकेगा. कर्जा एक नियमित प्रक्रिया है.

सवाल:यह कह सकते हैं कि कर्जा प्रगति का भी द्योतक है?
जवाब: बीजेपी की सरकार में जितने विकास के कार्य हो रहे हैं उसके लिए जितना खर्च करना पड़ा वह किया. इसी तरह कोरोना जैसे जरूरी कार्यों में भी जरूरत पड़ने पर खर्च किया है. इसके लिए कर्ज भी लेना पड़ा, लेकिन कांग्रेस की सरकार में जो कर्ज लिया गया, उससे काम कुछ नहीं किया गया, पैसे आखिर कहां गया. खर्चों का कांग्रेस के पास कोई हिसाब-किताब नहीं था. लेकिन हमारी सरकार में यदि कर्जा लिया गया, तो हम बता सकते हैं कि उसका सदुपयोग कहां किया गया. कर्जा चुकाया है और उसका राज्य के विकास में खर्च किया गया.

सवाल:यानी हर कर्जे का हिसाब है सरकार के पास ?
जवाब: बिलकुल, पूरा हिसाब है.

सवाल: चुकाने का हिसाब भी है?
जवाब:चुकाने का भी पूरा हिसाब है, हम कह सकते हैं कि प्रदेश के विकास के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास किए हैं.

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