भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विभागों को हाईटेक और पेपरलेस बनाने का ऐलान 12 साल पहले किया था. लेकिन उनका आदेश धरातल पर कहीं नजर नहीं आता. 2022 के शुरुआत में भी फाइलें मैनुअली ही दौड़ रही हैं. यानि प्रदेश में ई-ऑफिस का सिस्टम फेल हो गया है. शिवराज सरकार सख्त आदेश जारी कर चुकी है कि सभी विभाग जानकारी अपने वेबसाइट पर अपडेट रखें ताकि काग़जी कार्य कम हो और समय की बचत हो. बावजूद इसके अव्यवस्थाएं ज्यों कि त्यों बनी हुई हैं.
2007-08 में विभागों को पेपरलेस करने के लिए ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया
मुख्यमंत्री ने 2007-08 में विभागों को पेपरलेस करने के लिए ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया था, ताकि सरकारी योजनाओं को लेकर होने वाली परेशानियों का समाधान हो और सिस्टम में पारदर्शिता आए. लेकिन 12 साल बीत जाने के बाद भी अभी भी फाइलें चपरासी और क्लर्कों के हाथ भेजी जा रही हैं. ई-ऑफिस को राज्य मंत्रालय से लेकर जिला और तहसील कार्यलय में लागू करने की कोशिश की गई, जबकि सारी कोशिशें फेल साबित हो रही हैं.