भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई आर्थिक अनियमितताओं के मामले में ईओडब्ल्यू ने विशेष अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश की है. लेकिन अदालत में ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारियों की पेशियां होंगी और जांच अफसरों को क्लोजर रिपोर्ट को लेकर कोर्ट में जवाब देने होंगे. बताया जा रहा है कि संतुष्ट होने पर ही अदालत EOW की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करेगी.
गुपचुप तरीके से कोर्ट में पेश की क्लोजर रिपोर्ट
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बेहद गुपचुप तरीके से भोपाल विशेष अदालत में इस पूरे मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश की है. बताया जा रहा है कि क्लोजर रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि, पूर्व कुलपति बीके कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर पर लगे आरोप द्वेष पूर्ण हैं और जांच के दौरान इन आरोपों को सिद्ध नहीं किया जा सका. लिहाजा इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की जा रही है. क्लोजर रिपोर्ट पेश होने के बाद अब ईओडब्ल्यू के अधिकारियों की पेशियां विशेष अदालत में होगी और अगर अधिकारियों के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं होता है तो इस मामले में खात्मा नहीं लगेगा.
आरएसएस के बेहद करीबी रहे हैं कुठियाला
बीके कुठियाला को आरएसएस का बेहद करीबी माना जाता है. प्रोफेसर बीके कुठियाला MCU के दो बार कुलपति रहे हैं. उस समय मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी. शायद यही कारण है कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने भी यह आरोप लगाए थे कि प्रोफेसर बीके कुठियाला ने MCU को आरएसएस का गढ़ बना दिया है और भारी आर्थिक अनियमितताएं की है. उस दौरान ईओडब्ल्यू की जांच में कई ऐसे बिल भी सामने आए थे जो कहीं ना कहीं आर्थिक अनियमितताओं के पुख्ता सबूत थे.
यह है पूरा मामला
करीब 2 साल पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आर्थिक अनियमितताओं के चलते पूर्व कुलपति बीके कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने इस मामले में कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की. इतना ही नहीं बीके कुठियाला से भी EOW के अधिकारियों ने कई बार पूछताछ की और इससे पहले उन्हें फरार घोषित भी किया. फिर मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में बीजेपी सरकार आ गई इसके बाद ईओडब्ल्यू के कई अधिकारियों के तबादले भी किए गए और अब इस पूरे मामले में ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी है.