भोपाल। मध्यप्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे की मध्यप्रदेश के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कराई गई वेबकास्टिंग और जीपीएस के काम में हुई गड़बड़ी को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से रिपोर्ट तलब की है. दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने शिकायत करके गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं.
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से तलब की रिपोर्ट आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने शिकायत में कहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने विधानसभा चुनाव 2018 और लोकसभा चुनाव 2019 में वेबकास्टिंग कार्य मे गंभीर लापरवाही बरती है, जिसके कारण राज्य के अधिकतर जिलों ने वेबकास्टिंग का काम करने वाली दोनों निजी फर्म के साथ मिलकर आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया और चुनाव जैसे संवेदनशील कार्य मे प्रशासनिक अक्षमता का उदहारण दिया. आरटीआई कार्यकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि इन बिंदुओं पर उचित जांच करवाएं एवं दोषियों को दंडित करें.
⦁ मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव 2018 में मतदान केंद्रों के वेबकास्टिंग का कार्य करने वाली निजी कंपनियों ने समझौते के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में वेबकास्टिंग रिकॉर्ड को निर्वाचन कार्यालयों में जमा नहीं करवाया.
⦁ वेबकास्टिंग कार्यो का राज्य के जिलों में उचित वेरिफिकेशन के बिना निजी फर्म को भुगतान किया. कई जिलों में मतगणना के दिनों को हुई वेबकास्टिंग का भी भुगतान किया जो प्रतिबंधित है.
⦁ मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 में वेबकास्टिंग कार्य हेतु प्रारंभ में टेंडर जारी कर एक साजिश के तहत इसे कैंसिल किया गया. इसके बाद ऊंची दरों पर यह काम निजी फर्म को दिया गया. मप्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा चुनाव 2019 में वेबकास्टिंग कार्य सम्पन्न होने के पश्चात 29 जून 2019 को निजी फर्म के साथ समझौता किया जो विधि विरुद्ध है.
मध्यप्रदेश में वेबकास्टिंग,जीपीएस, वीडियो रिकॉर्डिंग के कार्यो में हुई गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच अत्यंत आवश्यक है. गौरतलब है कि मप्र में निर्वाचन व्यवस्था से जुड़े उपरोक्त कार्यों के लिए राज्य सरकार की संस्था मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ही जिम्मेदार है. जो हाल में ही उजागर हुए बहुचर्चित ई टेंडर घोटाले के लिये बदनाम है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने भारत के निर्वाचन आयोग से मांग की है, कि वो इस अत्यंत महत्वपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और मध्यप्रदेश में चुनाव कार्यो में हुए खर्चे की CAG से स्पेशल ऑडिट भी करवाएं. अजय दुबे की शिकायत पर भारत निर्वाचन आयुक्त ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से और जीपीएस की रिपोर्ट तलब की है.