भोपाल।कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच वायरस के अलग-अलग वेरिएंट सामने आ रहे हैं. भारत में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा वायरस के डेल्टा (Delta) और डेल्टा प्लस (Delta Plus) वेरिएंट को लेकर है.भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले डेल्टा नाम दिया था. अब सार्स कोविड वायरस के नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को डेल्टा प्लस कहा जा रहा है. जानते हैं कि इन दोनों वेरिएंट में क्या अंतर है.
क्या है डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट ?
- डेल्टा वेरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था. वैज्ञानिकों का दावा है कि डेल्टा वेरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस में बदल गया है.
- डेल्टा प्लस भारत में पहले पाए गए डेल्टा B.1.617.2 के वेरिएंट में हुए म्यूटेशन से बना है.
- कोरोना वायरस का यह घातक वेरिएंट वायरस के म्यूटेशन से बना है. जो कोरोना वायरस से 4 गुना ज्यादा खतरनाक है.
- भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह डेल्टा वेरिएंट को ही माना जा रहा था. अब माना जा रहा है कि कोराना की तीसरी लहर डेल्टा+ की वजह से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते है.
- क्योंकि अब SARS-CoV-2 वायरस का डेल्टा वेरिएंट (B.617.2) म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या फिर B.1.617.2.1/AY.1 में बदल गया है.
- डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने से नया डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है.
- जीनोम सिक्वेसिंग के बाद जांच में यह पाया गया कि डेल्टा स्ट्रैन के 40 से ज्यादा केस भारत में मौजूद हैं.
कैसे बना डेल्टा + वेरियंट
डेल्टा वेरिएंट यानी बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से डेल्टा प्लस वैरियंट बना है. इस म्यूटेशन को K417N कहा जा रहा है. कोरोनावायरस के पुराने डेल्टा वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में थोड़े बदलाव हुए हैं, इससे यह नया वेरियंट सामने आया है. स्पाइक प्रोटीन की ही मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है. K417N म्यूटेशन के कारण वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को भेदने में कामयाब हो जाता है.
देश में अब तक 40 मामले मिले
- देश में कोविड-19 के सबसे ज्यादा संक्रामक माने जा रहे डेल्टा प्लस वेरिएंट के अभी तक 40 मामले सामने आ चुके हैं.
- इनमें ज्यादातर केस महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में पाए गए हैं.
- मध्यप्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक पांच मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसमें से एक मरीज की मौत हो गई है.
- स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास के मुताबिक प्रदेश में अभी तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के पांच मरीज मिलने की पुष्टि कर चुके हैं.
- इनमें से एक की मौत हो गई है. भोपाल में हाल ही में 16 जून को एक 65 साल की महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाए जाने की पुष्टि हुई थी.
- सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों में एडवाइजरी भी जारी कर दी है.
- डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 80 देशों में पाया गया है, जबकि डेल्टा प्लस वेरिएंट अभी 9 देशों में देखा गया है.
- डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में भी पाया गया है.