भोपाल।हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व होता है. धनतेरस से दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस से भाई दूज तक दिवाली की धूम रहती है. पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4:33 के बाद शुरू होगी. जब त्रयोदशी शुरू होगी तब प्रदोष काल भी आरंभ होगा. हिंदू धर्म में मान्यता है कि धनतेरस का दिन खरीददारी के लिए बेहद शुभ होता है. ज्यादातर लोग इस दिन अपने घर सोने, चांदी, बर्तन, पीतल जैसी धातु लेकर आते हैं. (dhanteras 2022)
जानें कब मनाया जा रहा धनतेरस: कहा जाता है कि शनि यमराज के भाई हैं. इसलिए प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी दोनों का संयोग एक साथ पड़ने की वजह से इस बार अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, यई जय योग, त्रिपुष्कर योग भी मिल रहे हैं. यानी सभी के लिए यह धनतेरस काफी शुभ रहने वाला है. 1:30 दिन में 4:33 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा. ऐसा योग 66 वर्ष बाद बन रहा है. त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5:26 बजे तक रहेगी. (religious importance of dhanteras)
माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की होती है पूजा:धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा की जाती है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चीजें कई गुणा ज्यादा शुभ फल देती हैं. साथ ही इस दिन खरीदारी करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. शास्त्रों के अनुसार, कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदने से परहेज करना चाहिए. ये चीजें आपके जीवन में दरिद्रता ला सकती है. आइये जानते हैं इन चीजों के बारे में, (dhanteras shubh muhurat)