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Good News: महिला पार्षद ने पेश की मानवता की मिसाल, जानिए क्यों दिया बुजुर्ग महिला की अर्थी को कंधा - महिला पार्षद ने क्यों दिया कंधा

धमतरी में इंसानियत की सच्ची तस्वीर सामने आई है. जहां एक बुजुर्ग महिला के उसके अपने बच्चों ने छोड़ दिया था.लेकिन उसकी मौत के बाद उसकी अर्थी को कंधा देने पूरा का पूरा वार्ड एकजुट हो गया. वार्ड की महिला पार्षद ने बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी (Dhamtari female councilor performed the duty of the son) उठाई.

Dhamtari female councilor performed the duty of the son
महिला पार्षद ने बुजुर्ग महिला की अर्थी को कंधा देकर पेश की मानवता की मिसाल

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Published : Jun 7, 2022, 8:11 PM IST

धमतरी: आज की मतलबी दुनिया में कौन किसका होता है. ये वक्त आने पर पता चलता है, लेकिन धमतरी जिले के रामसागर पारा वार्ड की महिला पार्षद ने मानवता की मिसाल पेश की है. इस महिला पार्षद ने ऐसा काम कर दिखाया है जो समाजिकता अवधारणा को दरकिनार कर वार्ड में रहने वाली एक वृद्ध महिला की शव यात्रा में बेटों की तरह भूमिका निभाई, आगे-आगे महिला पार्षद ने अर्थी को कंधा देकर चल रही थी और पीछे-पीछे वार्ड के लोग, नजारा देखने लायक (Dhamtari female councilor performed the duty of the son) था.

महिला पार्षद ने बुजुर्ग महिला की अर्थी को कंधा देकर पेश की मानवता की मिसाल

कहां का है मामला :छत्तीसगढ़ केधमतरी जिले के रामसागर पारा वार्ड (Ramsagar Para Ward of Dhamtari District) में मंगलवार को माहौल गमगीन था, वार्ड की महिला पार्षद के आंखों से आंसू बह रहे थे, क्योंकि वार्ड की एक बुजुर्ग महिला अब इस दुनिया में नहीं थी. वार्ड में रहने वाली राजो बाई यादव की उम्र करीब 80 वर्ष थी.लेकिन स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण उनकी मौत हो गई. जिससे वार्डवासी काफी दुःखी हैं.

महिला पार्षद ने क्यों दिया कंधा : वार्ड की महिला पार्षद ने अंतिम संस्कार में पहुंचकर शवयात्रा को कंधा (Woman councilor gave shoulder to arthi) दिया है क्योंकि राजो बाई यादव को वो अपनी मां की ही तरह मानती थी. उनकी देखरेख भी खुद करती थीं. खाने पीने की व्यवस्था वार्ड पार्षद और वार्डवासी मिलकर करते थे.

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क्यों था बुजुर्ग महिला से लगाव :वार्ड की सबसे बुजुर्ग महिला होने के कारण सभी उनसे पुरानी कहानियां और किस्से भी सुना करते थे. इसलिए सभी को राजो बाई से लगाव हो गया था. वार्ड पार्षद श्यामा साहू ने बताया कि राजो बाई के 3 बेटे और 1 बेटी हैं. जिनमें से 2 बेटों का निधन पहले ही हो गया है.मौजूदा समय में एक बेटा और एक बेटी हैं लेकिन उनमे से कोई भी राजोबाई की देखरेख नहीं करता था .राजो बाई यादव का स्वास्थ्य ठीक नही था जिसके कारण उनका निधन हो गया.निधन के बाद वार्डवासियों ने मिलकर अंतिम संस्कार किया है.

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