भोपाल। प्रदेश में आनन-फानन में किए गए डीजीपी के ट्रांसफर पर प्रदेश सरकार घिरती नजर आ रही है. इस फैसले के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं. अगर मामले में याचिका दायर होती है, तो सरकार को रातों रात डीजीपी को हटाने के पीछे की ठोस वजह और आधार बताना होगा.
रातों रात DGP को हटाने के मामले में बढ़ सकती हैं कमलनाथ सरकार की मुश्किलें
प्रदेश में रातों रात डीजीपी बदले जाने का मामला अब गरमाता जा रहा है. आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने की बात कही है. उनका कहना है कि, डीजीपी को हटाने का सरकार कोई ठोस कारण नहीं बता रही है.
अजय दुबे ने कहा कि, सरकार सवा साल के कार्यकाल में दो डीजीपी बदल चुकी है. वर्तमान डीजीपी को भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और आने वाले 6 महीनों में सीनियर आईपीएस अफसर विवेक जौहरी प्रदेश पुलिस की कमान संभालेंगे. उन्होंने सरकार के इस निर्णय को सही नहीं माना. अजय दुबे प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि, इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
दुबे ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी प्रदेश के डीजीपी के चयन की एक प्रक्रिया होती है. जिसमें यूपीएससी पैनल का अहम रोल होता है. इस पैनल में राज्य की ओर से मुख्य सचिव और एक सीनियर आईएएस अफसर शामिल होता है. किसी भी पद पर अफसर का कार्यकाल दो साल होता, हालांकि सरकार उसे समय से पहले हटा भी सकती है. लेकिन उसके पीछे कोई ठोस वजह बतानी पड़ती है. लेकिन वीके सिंह को अचानक हटाने के पीछे की वजह सरकार ने अब तक नहीं बताई