ग्वालियर। हाई कोर्ट में दायर अपने शपथ पत्र में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा है कि पुलिस के लिए सभी अपराध संवेदनशील होते हैं. इसमें वर्गीकरण नहीं किया जा सकता है. इसलिए पुलिस अब पुराने सर्कुलर को खत्म कर नए सर्कुलर के हिसाब से सभी मामलों की विवेचना करेगी. डीजीपी ने स्वीकार किया कि सभी अपराध गंभीर प्रकृति के होते हैं. उनमें सेपरेशन नहीं किया जा सकता है. आगे से पुलिस अपनी विवेचना में नए सर्कुलर में बताए दिशा-निर्देशों का पालन करेगी.
दुश्मनी के कारण मारी थी गोली :दरअसल, पनिहार थाना क्षेत्र में मलखान रावत नामक व्यक्ति को पुरानी दुश्मनी के चलते राजेश रावत ने गोली मार दी थी. पुलिस ने अपनी जांच में राजेश रावत को बचाने की कोशिश की थी एवं मुख्य अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया था. मलखान रावत के सीने से ऑपरेशन के बाद गोली निकाली गई थी. आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने के खिलाफ मलखान रावत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और आरोपी राजेश रावत को गिरफ्तार करने की मांग की थी. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की.
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हाई कोर्ट ने डीजीपी को किया था तलब :इसके बाद डीपीओ प्रवीण दीक्षित की ओर से बताया गया कि पुलिस सर्कुलर में गंभीर एवं संवेदनशील किस्म के अपराधों के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति जरूरी है. हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा था कि किस पुलिस सर्कुलर के हिसाब से डीपीओ ने कोर्ट को जवाब दिया है. डीपीओ ने कोर्ट को कई बार समझाने की कोशिश की अपनी सफाई भी पेश की लेकिन कोर्ट हत्या की कोशिश जैसे मामले में अभियोजन के लिए भोपाल से परमिशन को लेकर गंभीर रुख अख्तियार कर गया. कोर्ट ने इस मामले में डीजीपी से जवाब तलब किया. सवा महीने में चार बार डीजीपी सुधीर सक्सेना को अपना शपथ पत्र पेश करना पड़ा. आखिरकार 23 अप्रैल को हाई कोर्ट में दिए अपने शपथ पत्र में उन्होंने कहा कि पुलिस के पुराने सर्कुलर जिनमें कुछ खामियां थीं, उन्हें हटा दिया गया है और नया सर्कुलर लाया गया है. (DGP accepted flaws by affidavit) (DGP accepted the flaws in High Court)