भोपाल। एक तरफ पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, तो वहीं बदलते मौसम ने अब परेशानियां बढ़ा दी हैं. मानसून के सक्रिय होने के बाद मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इस मौसम में मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू और सर्दी- जुखाम जैसी बीमारियां सबसे ज्यादा फैलती हैं.
खास बात यह है कि, इन बीमारियों के लक्षण पूरी तरह कोरोना से मिलते-जुलते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण के साथ डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने की तैयारियां शुरु कर दी हैं. जहां किल कोरोना अभियान के तहत पूरे प्रदेश में कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों की भी जांच की जा रही है.
कोरोना के साथ बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा घर- घर किया जा रहा सर्वे
राजधानी भोपाल के मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे कहते हैं कि, कोरोना से निपटने के अलावा मौसमी बीमारियों पर स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान है. ग्रामीण क्षेत्रों में आरोग्य केंद्र खोले गए हैं, तो मलेरिया की जांच भी रैपिड डायग्नोस्टिक किट से की जा रही है, भोपाल के शहरी क्षेत्र में लगभग 56 फीवर क्लीनिक खुले हैं, जहां मलेरिया-डेंगू की जांच और उपचार की व्यवस्था की गई है. भोपाल में अब तक किल कोरोना अभियान के तहत ना केवल कोरोना का सर्वे किया गया, बल्कि इसके 2 हजार 200 मलेरिया डायग्नोस्टिक किट जांच भी की गई है. जिसमें अब तक एक भी मलेरिया का मरीज नहीं मिला है. हालांकि शहर में डेंगू का एक मरीज मिला है, जिसका इलाज जारी है.
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि, नगर निगम का अमला भी डेंगू-मलेरिया को रोकने के लिए घर-घर जाकर फागिंग के काम में जुटा है. शहर में जगह-जगह सफाई अभियान चलाया जा रहा है. ताकि कहीं पर भी मच्छर ना पनपे. स्वास्थ्य विभाग इस बार दोहरी परेशानियों से निपटने में लगा है. यही वजह है कि, किल कोरोना अभियान के तहत ना केवल कोरोना का सर्वे किया जा रहा है, बल्कि मलेरिया और डेंगू की जांच भी तेजी से की जा रही है. ताकि कोरोना के साथ-साथ इन मौसमी बीमारियों से भी निपटा जा सके.