भोपाल। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज अब तक एक साथ ही किया जा रहा था, लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन और शासन से जारी गाइडलाइंस के प्रोटोकॉल के मुताबिक राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में बांटकर उनके लक्षणों के मुताबिक इलाज किया जाएगा, जिसके लिए शहर के अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं और सुविधाएं सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं.
श्रेणीवार होगा कोरोना का इलाज इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज देने के लिए उन्हें 3 श्रेणियों में हमने बांटा है. पहली श्रेणी में उन मरीजों को रखा गया है जिनमें लक्षण कम है और वह सामान्य स्वस्थ हैं. दूसरी श्रेणी में जिन्हें सर्दी- खांसी और संक्रमण के मध्यम लक्षण दिखाई दे रहे हैं. वहीं तीसरी श्रेणी में उन मरीजों को रखा गया है जो गंभीर स्थिति में है. इन तीनों श्रेणियों के कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज और सुरक्षा की दृष्टि से यह सावधानी रखी जाएगी कि किसी भी श्रेणी का मरीज किसी अन्य श्रेणी के मरीज के संपर्क में ना आए.इन तीनों श्रेणियों के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों को भी तीन श्रेणियों रेड, ग्रीन और येलो में बांटा गया है. रेड जोन के अस्पतालों में केवल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाएगा. येलो जोन के अस्पतालों में सन्दिग्ध मरीजों को रखा जाएगा और ग्रीन ज़ोन के अस्पतालों में सामान्य मरीजों का उपचार होगा. कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर स्थिति के मरीज का इलाज जिन अस्पतालों में होगा उसमें आईसीयू, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विद लाइफ सपोर्ट सिस्टम और शव वाहन की व्यवस्था रहेगी. इन अस्पतालों में एम्स, जीएमसी भोपाल, चिरायु मेडिकल कॉलेज, बंसल हॉस्पिटल को चिन्हित किया गया है.दूसरी श्रेणी के अस्पतालों में कोविड 19 चिन्हांकित स्वास्थ्य केंद्र आएंगे जिनमें ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विथ लाइफ सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध रहेगी. इनमें एम्स, जीएमसी भोपाल, चिरायु मेडिकल कॉलेज के साथ ही कुछ अन्य अस्पताल में शामिल हैं. पहली श्रेणी में चिन्हांकित कोविड 19 केयर सेंटर आएंगे जिनमें आपदा प्रबंधन संस्थान, रेस्ट हाउस भोपाल में 24 बेड की उपलब्धता की गई है.