भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल कर मुख्यमंत्री सचिवालय के उप-सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर आरोप लगाने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट और व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस उनके साथ खड़ी है, वहीं बीजेपी डॉ. राय की संपत्ति की जांच की मांग कर रही है.
मुख्यमंत्री के ओएसडी पर आरोप: डॉ. आनंद राय ने सोशल मीडिया पर प्राथमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा के पर्चे का स्क्रीन शॉट डाला था, सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय के उप-सचिव मरकाम जो मुख्यमंत्री के ओएसडी भी है, उन पर आरोप लगाया था. इसके बाद मरकाम की ओर से अजाक पुलिस थाने में शिकायत की गई, इस पर डॉ. राय के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज और एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हुए. इसी मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा को भी आरोपी बनाया गया है.
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दिल्ली के होटल से हुई गिरफ्तारी: आनंद राय को भोपाल की अपराध शाखा के दल ने बीती रात दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किया है. इसके बाद से सियासी हलचल तेज है, कांग्रेस डॉ. राय के साथ खड़ी है और गिरफ्तारी पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, डॉ आनंद राय की गिरफ्तारी जिस प्रकरण में हुई है, उसमें मैं भी अभियुक्त हूं, फिर कहूंगा यह सत्ता, पद, प्रभुत्व, एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग, सच को दबाने का अक्षम्य प्रयास है.
आनंद राय की संपत्ति की जांच की मांग: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, अहंकार की सीमा पार कर शिवराज सिंह चौहान की सरकार अथवा डीजीपी ने आनंद राय को सात अप्रैल को साढ़े 11 बजे दिल्ली के होटल से अरेस्ट किया. आनंद को एमपी पुलिस का उपस्थित होने का नोटिस आठ अप्रैल का था. एक तरफ जहां कांग्रेस डॉ. राय के साथ खड़ी है, वहीं बीजेपी उन्हें घेर रही है. भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, डॉ. राय के क्रियाकलापों के साथ उनके आर्थिक स्त्रोत और बैंक खातों की जांच कराई जानी चाहिए. इस बात की वे केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी मांग करेंगे.
इनपुट - आईएएनएस