भोपाल। कांग्रेस भले ही नेतृत्व के संकट और कई तरह की समस्याओं से जूझ रही हो, लेकिन दूसरी तरफ पार्टी ने अपने संविधान के जरिए पूरे देश में सदस्यता अभियान का आगाज कर दिया है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में भी सदस्यता अभियान शुरू किया गया है. कांग्रेस ने सभी जिला अध्यक्षों को पत्र लिखकर सदस्यता अभियान में जुट जाने के निर्देश दिए हैं, इस अभियान के आधार पर 2020 में संगठन चुनाव संभावित हैं. हालांकि, चुनाव होना है या नहीं, इसका अंतिम फैसला कांग्रेस वर्किंग कमेटी करेगी.
नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस ने प्रदेश में शुरू किया सदस्यता अभियान - कमलनाथ
कहने को कांग्रेस में नेता के लाले पड़े हैं, लेकिन इस बीच अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस सदस्य जुटाने का काम शुरू कर चुकी है. सभी जिला अध्यक्षों को पत्र लिखकर सदस्यता अभियान में जुटने के निर्देश दिए हैं.
राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अंतिम फैसला कर चुके हैं और कांग्रेस नेतृत्व के संकट से जूझ रही है. दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायकों की तोड़फोड़ के कारण कई राज्यों में कांग्रेस और गठबंधन सरकारों का अस्तित्व खतरे में हैं, लेकिन इन परिस्थितियों से परे हटकर कांग्रेस की संगठनात्मक गतिविधियों निरंतर जारी है. अब कांग्रेस ने पूरे देश में अपनी सदस्यता अभियान की शुरुआत की है.
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है, कांग्रेस संविधान में प्रत्येक 2 वर्षों में चुनाव होता है. विशेष परिस्थितियों में कांग्रेस कार्यसमिति निर्णय करती है कि चुनाव 2 साल में कराए जाएं या 4 साल में उन्होंने कहा कि अभी पिछला चुनाव, दिल्ली में 2018 में हुए कांग्रेस अधिवेशन के साथ संपन्न हुआ था. उसके बाद फिर से सभी राज्यों में सदस्यता अभियान फिर से शुरू किया गया है. मध्यप्रदेश में हमने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि फिर से सदस्यता अभियान में जुट जाएं. काफी संख्या में नए साथी कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं, इस सदस्यता के मुताबिक आगामी 2 वर्ष में चुनाव होना चाहिए, यही परंपरा है. उन्होंने कहा कि सदस्यता निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति कभी भी कांग्रेस की सदस्यता ले सकता है.