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हड़ताल बनी बवाल: Juda Strike के समर्थन में राहुल गांधी का ट्वीट, IMA भी सपोर्ट में उतरा

जूडा हड़ताल के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी एंट्री हुई है. उन्होंने जूडा हड़ताल के समर्थन में उतरते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल कोआईएमए और कई राज्यों से भी डॉक्टर्स का समर्थन मिल रहा है.

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Juda Strike हड़ताल बनी बवाल

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Published : Jun 4, 2021, 5:57 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच चली आ रही खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी एंट्री हुई है.उन्होंने जूडा हड़ताल के समर्थन में उतरते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को आईएमए और कई राज्यों से भी डॉक्टर्स का समर्थन मिल रहा है. प्रदेश सरकार के लिए जूनियर डॉक्टरों की यह हड़ताल अब बवाल में बदल गई है. न सरकार झुकने को तैयार है और न डॉक्टर्स. सरकार ने डॉक्टरों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है, लेकिन जूडा लिखित में अपनी मांगे माने जाने का पत्र मिले बगैर हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हैं.

जूड़ा के समर्थन में राहुल गांधी का ट्वीट

मध्यप्रदेश में जारी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि डॉक्टरों को कोरोना और निर्दयी बीजेपी सरकार से बचाने की जरूरत है.

आज हुई बातचीत भी रही बेनतीजा

Juda Strike हड़ताल बनी बवाल

चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और जूनियर डॉक्टर्स के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच शुक्रवार को भी बैठक हुई. हालांकि यह बैठक भी बेनतीजा रही. बैठक में हड़ताल खत्म करने को लेकर कोई रास्ता नहीं निकल सका. स्ट्राइक पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह अपनी मांगों पर लिखित आदेश चाहते हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इन्होंने पूरे करोना काल में लगातार मेहनत की है और स्टायपेंड में बढ़ोतरी को लेकर भी पिछले 6 महीने से सरकार से मांग कर रहे हैं. हड़ताली डॉक्टर्स का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है ऐसे में उनके पास हड़ताल के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

Juda Strike हड़ताल बनी बवाल

कई संगठनों और राज्यों से मिल रहा है हड़ताल को समर्थन

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जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने भी समर्थन दिया है. आईएमए का कहना है कि जूनियर डॉक्टर्स का नामांकन रद्द करने का फैसला गलत है.इसके साथ ही फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FODA) ने भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया है. उत्तराखंड के ऋषिकेश के डॉक्टरों ने भी जूडा हड़ताल का समर्थन किया है. जुडा को समर्थन करते उन्होंने पत्र जारी किया है. जिसमें मध्यप्रदेश सरकार से जुड़ा की मांगों को करने की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने हड़ताल में शामिल होने की बात भी कही है.

Juda Strike हड़ताल बनी बवाल

जुडा के समर्थन में उतरे रेजिडेंट स्टूडेंट्स

मध्य प्रदेश में जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट स्टूडेंट्स भी उतर आए हैं. इन्होंने भी पत्र जारी कर मध्य प्रदेश सरकार से गुजारिश की है कि एमपी में जूनियर डॉक्टर के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है ऐसा न किया जाए. रेजिडेंट स्टूडेंट्स ने सरकार से गुजारिश की है कि जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर सरकार जल्द से जल्द ध्यान दे. इन्होंने जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को अपना समर्थन भी दिया है.

सरकार ने कहा HC के आदेशों का हो पालन

जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर शुक्रवार को भी कोई फैसला नहीं हुआ. जूनियर डॉक्टरों की तरह सरकार भी अपनी जिद पर अड़ी हुई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शुक्रवार को एक बार फिर दोहराया कि जूनियर डॉक्टरों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार भी हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है. सारंग का कहना था कि हाईकोर्ट ने 24 घंटे की जो समय अवधि दी है उसे मानते हुए डॉक्टरों को काम पर वापस आना होगा, क्योंकि हाईकोर्ट का निर्णय अंतिम निर्णय है.

हड़ताल पर जूनियर तो सीनियर्स ने संभाला मोर्चा

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने की स्थिति में सभी रेजिडेंशियल जूनियर डॉक्टर 24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी के लिए अनुबंधित रहते हैं. जिससे इमरजेंसी व्यवस्थाएं प्रभावित न हों, लेकिन जूडा की हडताल पर सरकार की बढ़ती सख्ती को देखते हुए सीनियर रेजिडेंट भी आने वाले दिनों में कोई हल न निकलने पर हड़ताल में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अभी वे जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अपना समर्थन देते हुए सरकार से जल्द जल्द इसका हल निकालने जाने की मांग कर रहे हैं.

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3000 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर दे चुके हैं इस्तीफा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करने और काम पर लौटने के लिए दिए गए 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद भी हड़ताली डॉक्टर पीछे हटते नहीं दिखाई दे रहे है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद जहां प्रदेशभर में 3000 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीता दे चुके हैं. वहीं सरकार ने 450 से ज्यादा पीजी स्टूडेंट्स को बर्खास्त कर दिया था. जूनियर डॉक्टर्स इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. कर ली है.

एमपी मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन का सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम

  • भोपाल। जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन
  • एमपी मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम
  • 48 घंटे में नहीं हुआ हड़ताल का समाधान तो बंद करेंगे कामकाजः एसोसिएशन

डॉक्टर्स कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं आयुष विभाग के डॉक्टर

जूडा की हड़ताल से प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर दिखाई देने लगा है. इसके विकल्प के तौर पर प्रशासन की ओर से भोपाल संभाग के जिलों से आयुष और बीयूएमएस डॉक्टरों को गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल बुलाया गया हैं.

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