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Coal Crisis in MP: सतपुड़ा पॉवर प्लांट में गहराया संकट! एक माह से नहीं मिला कोयला, जानें कितने दिन का बचा स्टॉक... - बैतूल सारणी सतपुड़ा पॉवर प्लांट लोकल के कोयले के भरोसे

MP में बिजली की मांग नए रिकार्ड (high demand and low supply of electricity) की ओर बढ़ रही है. साथ ही कोयला संकट की आहट भी आ रही है. बैतूल के सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट सारणी के पास मात्र 8 हजार 800 मीट्रिक टन कोयला है.

Coal crisis deepens in Satpura power plant
सतपुड़ा पॉवर प्लांट में गहराया कोयला संकट

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Published : Mar 9, 2022, 6:39 AM IST

बैतूल। सारणी में स्थित 500 मेगावाट क्षमता के सतपुड़ा पॉवर प्लांट में कोयला संकट गहरा गया है. रोजाना खपत 7 हजार मीट्रिक टन के आसपास है, जबकि मंगलवार तक प्लांट के यार्डों में महज 8 हजार 800 मीट्रिक टन ही कोयला स्टॉक रहा. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट में कोयला संकट किस तरह गहरा गया है. सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारणी लोकल के कोयले के भरोसे है. बीते कई दिनों से 500 मेगावाट क्षमता के सतपुड़ा पॉवर प्लांट से लगभग 505 मेगावाट बिजली उत्पादन लिया जा रहा है.

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खंडवा के सिंगाजी पॉवर प्लांट की नई इकाइयों से भी कम दर पर सतपुड़ा पॉवर प्लांट से बिजली उत्पादन हो रहा है. सिंगाजी प्लांट के फेज-1 की बिजली सप्लाई दर 3.31 पैसे प्रतियूनिट है, जबकि फेज-2 की सप्लाई दर 2.97 है. इसके मुकाबल सतपुड़ा की पुरानी इकाइयों की सप्लाई 2.87 पैसे और नई इकाइयों की सप्लाई दर 2.29 पैसे प्रति यूनिट है. कम उत्पादन लागत पर बिजली उत्पादन करने के बावजूद सतपुड़ा को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा. एमपीपीजीसीएल के पास 2 लाख 82 हजार मीट्रिक टन कोयला है, इसमें सबसे कम कोयला सतपुड़ा के पास 8800 मीट्रिक टन है.

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