भोपाल।मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 7 नगर निगम चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) चुनाव परिणाम आने के दूसरे दिन असम में कामाख्या देवी मंदिर ((Kamakhya Temple)) में सपरिवार दर्शन करने पहुंचे. उन्होंने माँ कामाख्या देवी का पूजन कर मध्यप्रदेश और देश के मंगल एवं कल्याण के लिए प्रार्थना की. शिवराज सिंह 2019 में दो बार कामाख्या देवी के दर्शन करने पहुंचे थे और 2020 में फिर मुख्यमंत्री बन गए. दर्शन के 8 महीने बाद ही शिवराज सिंह ने फिर चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. (MP Urban body Election Results)
कांग्रेस ने साधा निशाना: कांग्रेस ने सीएम शिवराज के साथ-साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का फोटो पोस्ट किया है. जिसमें दोनों को कामाख्या मंदिर में दर्शन करते हुए दिखाया. कांग्रेस ने लिखा ''मां कामाख्या सबकी मनोकामना पूरी करें''. माना जाता है की कामाख्या देवी मंदिर तांत्रिक सिद्धियों के लिए जाना जाता है. यह मंदिर प्रसिद्ध 108 शक्तिपीठों में से एक है. यहां तारा, धूमवती, भैरवी, कमला, बगलामुखी आदि तंत्र देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं. महान तंत्र साधक यही साधना करते थे. ऐसा माना जाता है कि यहां पर आशीर्वाद लेकर अपनी मनोकामना पूरी की जाती है. कांग्रेस का ट्वीट इसी तरफ इशारा कर रहा है की एक व्यक्ति सीएम बनने के लिए कामाख्या जाता है तो दूसरा अपनी कुर्सी बचाने के लिए मां कामाख्या के दरबार में पहुंचता है. माना जाता है कि कामरूप कामाख्या से ही सृष्टि की रचना की शुरुआत हुई थी. यह तंत्र साधना का बड़ा केंद्र है.
कामाख्या मंदिर में दर्शन के असली मायने: राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक हर बड़ा नेता अपने को सुरक्षित और कुर्सी बचाए रखने के लिए धार्मिक स्थलों में माथा टेकता है. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मां कामाख्या के दर्शन करने पहुंचे, जाहिर सी बात है नगर और गांव की सरकार में बीजेपी को जीत तो मिली लेकिन नगर निगम में उसे 9 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा और 7 पर हार मिली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कामाख्या जाकर देवी से प्रार्थना की. हालांकि सत्ता के गलियारों में शिवराज सिंह का कामाख्या मंदिर जाना और वहां पर पूजन अर्चना करना सत्ता की कुर्सी से जोड़कर देखा जा रहा है.