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Exam से घबराए गुरुजी! CM Rising School के लिए लिखित परीक्षा का विरोध, कहा-इंटरव्यू ही काफी है - सीएम राइजिंग स्कूल टीचर्स परीक्षा

Cm Rising School में पढ़ाने के लिए टीचर्स की लिखित परीक्षा लेने का शिक्षकों के संगठन ने विरोध(teachers dont want to give written exam) किया है. उन्होंने इस बारे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन भी दिया है.

cm rising school teachers
Exam से घबराए गुरुजी!

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Published : Nov 19, 2021, 5:04 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस साल शुरू किए जा रहे 255 सीएम राइजिंग स्कूलों (cm rising school)में पढ़ाने वाले टीचर्स को अपने ज्ञान की परीक्षा देनी पड़ रही है. इस स्कूल के लिए टीचर्स की लिखित परीक्षा ली जा रही है. शिक्षकों के संगठन ने विभाग के निर्णय का विरोध जताया है.(teachers dont want to give written exam) इस पर फिर से विचार करने की मांग की है. संगठन ने इसे लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि लिखित परीक्षा के स्थान पर शिक्षाविदों की कमेटी टीचर्स का इंटरव्यू लेकर उनका चयन करे.

परीक्षा से परखा जा रहा टीचर्स का नॉलेज

सीएम राइजिंग स्कूलों के लिए शिक्षक और प्रिंसिपल के लिए लिखित परीक्षा कराई जा रही है. प्रिंसिपल पद के लिए 60 अंकों का प्रश्न पत्र होगा. इसके अलावा पांच अंक M.Ed. के मिलेंगे. लिखित परीक्षा ऑफलाइन मोड में ओएमआर शीट पर होगी. लिखित परीक्षा में कम से कम 50 फ़ीसदी अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को ही पात्र माना जाएगा. उनकी फिर मेरिट सूची तैयार की जाएगी. इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के दौर से भी गुजरना होगा. (written exam for teachers)इसी तरह टीचर्स के लिए लिखित परीक्षा 80 नंबरों की होगी. इसमें 50 अंक विषय ज्ञान, 10 अंक एप्टिट्यूड टेस्ट, 10 अंक साइकोमेट्रिक टेस्ट, 10 अंक अंग्रेजी ज्ञान और इसके बाद 20 अंकों का साक्षात्कार होगा.

शिक्षकों के संगठन ने उठाए सवाल

सीएम राइजिंग स्कूलों मैं टीचर्स की पदस्थापना के लिए की जा रही परीक्षा को लेकर समग्र शिक्षक व्याख्याता एवं प्राचार्य कल्याण संघ ने अपनी आपत्ति जताई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा है कि स्कूलों के लिए उम्र का बंधन लगाया गया है जो अनुचित है. 2018 में उत्कृष्ट एवं मॉडल स्कूलों में पदस्थापना के लिए भी परीक्षा की गई थी. लेकिन इस परीक्षा में सिर्फ वही शिक्षक सम्मिलित हुए जो ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में आना चाहते थे. इसमें एक भी ऐसे शिक्षक नहीं था जो स्थानीय हो इस तरह यह परीक्षा सिर्फ स्थानांतरण के लिए ही बनकर रह गई. यही स्थिति सीएम राइजिंग स्कूलों को लेकर भी बनेगी. शिक्षा विभाग के अलावा और किसी भी विभाग में इस तरह की कोई प्रक्रिया लागू नहीं है. जहां परीक्षा से विभाग के कर्मचारियों की योग्यता का मापदंड माना जाता हो. इसलिए यदि विभाग परीक्षा को ही योग्यता का मापदंड मानता है तो विभाग के सभी पदों पर परीक्षा लेकर ही पद स्थापना की जाए.

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5 साल के लिए पदस्थापना पर भेजे जाएंगे शिक्षक

सीएम राइजिंग स्कूलों में शिक्षक 5 साल के लिए चयन करके भेजे जाएंगे.इसके बाद उनके कामों का मूल्यांकन किया जाएगा. उसके आधार पर उनकी समय में वृद्धि की जाएगी. सीएम राइजिंग स्कूलों में पदस्थापना नियमित शिक्षकों का किया जा रहा है.

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