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एमपी में शहरों के नाम बदलने पर सियासत, कांग्रेस का आरोप सरकार नाम बदलकर असफलता का कलंक छुपा रही

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Published : Feb 4, 2022, 4:29 PM IST

प्रदेश के नाम बदलने को लेकर कांग्रेस लगातार मध्यप्रदेश सरकार पर हमला बोल रही है. इसी कड़ी में होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने पर प्रदेश कांग्रेस ने तंज कसते हुए भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार नाम बदलकर अपनी असफलता के कलंक को छुपा रही है. (politics intensified in name of the city)

politics intensified in name of the city
एमपी में शहर के नाम बदलने पर सियासत

भोपाल। मध्य प्रदेश में शहरों के नाम बदलने को लेकर सियासत तेज हो गई है. होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने पर प्रदेश कांग्रेस ने तंज कसते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने स्थानों के नाम बदलने को ही अपने विकास का नया रोड मैप बना लिया है. उनका कहना है कि स्थानों के नाम वही सरकार बदलती है जो भूख, बेरोजगारी, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों के मनमाफिक काम नहीं कर पातीं. उनका कहना है कि सरकार जनता का ध्यान बंटाने में सफल नहीं होगी. साथ ही कांग्रेस का यह भी कहना है कि सरकारें नाम बदलकर अपनी असफलता का कलंक छुपाने की कोशिश करती हैं.

एमपी में शहर के नाम बदलने पर सियासत

नाम परिवर्तन सरकार की हताशा

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार द्वारा स्थानों के थोक बंद नाम परिवर्तन को जनकल्याण और विकास का रास्ता पहचान पाने में असमर्थ रहने का नतीजा बताया. इसे उन्होने सरकार की हताशा बताया है. गुप्ता ने कहा कि सरकार अगर मां नर्मदा को महिमामंडित करना चाहती है तो उसे शहडोल संभाग का नाम नर्मदा संभाग रखना चाहिए. जहां से मां नर्मदा जन्म लेती हैं और 23 करोड़ भारतीयों को प्राणजल देती हैं. मां नर्मदा अरबों-खरबों की वन संपदा देती हैं और दुनिया के लिए चमत्कारी मेगा डायवर्सिटी देती हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस आदिवासी संभाग को विश्व पटल पर लाने में क्यों झिझकती है, इसका एक ही कारण है क्योंकि वहां आदिवासी रहते हैं. नर्मदा जी की पहचान सिर्फ अमरकंटक से हो सकती है.

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इतिहास का अध्ययन करे सरकार
भूपेंद्र गुप्ता ने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि नाम बदल योजना में विकास कार्यों को जोड़ा जाए. जिन शहरों के नाम बदले जा रहे हैं उन शहरों में जन कल्याण की बड़ी योजना उन नामों से शुरू की जाएं. ताकि जनता का पेट भरे और रोजगार पैदा हो और जो पर्ची चिपकाना चाहते हैं उससे जनकल्याण का रास्ता भी निकले. गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ सरकार के 15 महीने का कार्य सकारात्मक गवर्नेंस का विद्यालय है. सीएम शिवराज उससे सीखें.

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