छतरपुर। कलेक्टर की जन सुनवाई के दौरान एक युवती अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, जिसे सुनने के बाद कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में जब तक तुम्हारे परिजन आगे नहीं आते प्रशासन कुछ नहीं कर सकता. इतना सुनते ही युवती ने कलेक्टर के सामने ही ब्लेड से अपने हाथ की नस काटकर जान देने की कोशिश की. घटना के बाद जनसुनवाई में हड़कंप मच गया. युवती को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज कराया गया. फिलहाल युवती की हालत ठीक है.
युवती ने जन सुनवाई में की सुसाइड की कोशिश न्याय की आस में उठाया खतरनाक कदम:युवती का नाम सविता द्विवेदी है. वह पिछले कई महीनों से अपनी पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान थी. इसे लेकर वह कई बार जिला प्रशासन के कई अधिकारियों और एसडीएम से भी मिल चुकी है और आवेदन भी दे चुकी है, लेकिन मामले में कोई सुनवाई न होने के बाद युवती कलेक्टर संदीप जीआर की जन सुनवाई में पहुंची थी. यहां उसकी बातों को सुनकर और इसे पारिवारिक मामला बताते हुए कलेक्टर ने कोई भी मदद से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में तुम्हारे मां और भाई आगे नहीं आते प्रशासन किसी तरह की मदद नहीं कर सकता. युवती की बातें सुनने के बाद कलेक्टर ने उसे काउंसलर के पास भेजने की बात कही. जिससे सविता गुस्सा गई. उसने कलेक्टर के सामने ही अपना आवेदन फाड़ते हुए ब्लेट से हाथ की नस काट ली. जिसके बाद आनन फानन में युवती को अस्पताल भिजवा कर उसका इलाज कराया गया.
इस बात को लेकर है परिवार में विवाद:सविता के मुताबिक उसका परिवार छतरपुर जिले के बारीगढ़ का रहने वाला है. उसके पिता जी सरकारी नौकरी में थे. परिवार में उसकी मां, तीन बहने और एक भाई है. कुछ दिन पहले पिता की मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद उनका फंड और पेंशन सब कुछ मां के पास ही आता है. कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंची सविता का आरोप है कि उसकी मां अंजू द्विवेदी ने तीनो बहनों के भरण पोषण से मना कर दिया है. सविता का कहना है कि मां के मना करने के बाद अब हम लोग कहां जाएं, हमारा भरण पोषण कैसे होगा. इसी संबंध में वह पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन से मदद मांग रही है, लेकिन किसी ने भी मेरी कोई मदद नही की इसी लिए मैं मरना चाहती है.
काउंसलर के पास भेजने की बात से गुस्साई युवती:जन सुनवाई में जब कलेक्टर ने सविता की परेशानी सुनने के बाद उसकी मदद से इंकार किया. उसने कलेक्टर से कहा कि आप कुछ नहीं कर सकते तो हमें सीएम से मिलने की परमीशन दिला दें, हम भोपाल चले जाएंगे. वहां से पीएम से मिलने की परमीशन लेकर पीएम से भी मिलने की कोशिश करेंगे, शायद वही न्याय दिला दें. युवती की बातों को सुनकर कलेक्टर संदीप जे आर ने उसे काउंसलिंग की जरूरत बताते हुए, उसे काउंसलर के पास भेजने की बात कही. इससे सविता नाराज हो गई और ब्लेट से अपने हाथ की नस काटेते हुए जनसुनवाई में ही जान देने की कोशिश की.
मामले पर यह बोले कलेक्टर
सम्बंधित मामले में छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर का कहना है कि मामला परिवारिक विवाद का है. उन्होंने कहा, 'युवती ने पिछले कई दिनों से आवेदन दिया है लेकिन लड़की की मां उसे अपने साथ रखना नहीं चाहती है और पेंसन एवं पीएफ का पैसा भी नहीं देना चाहती है. यह उनका निजी मामला है. लड़की को महिला काउंसलर के पास भेजने की बात कही गई थी, जिस वजह से वह नाराज हो गई।'