कूनो पालपुर अभ्यारण का मुख्य द्वार, जहां से चीतों की होगी एंट्री साल 1952 में एशियाई चीतों के विलुप्त होने के बाद से चीतों को फिर से भारत में स्थापित करने की योजना
चीतों के लिए खासतौर पर बनाए गए बाड़े 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया, जिसमें कूनो नेशनल पार्क भी शामिल था
चीतों के लिए तैयार बाड़ों के लिए 3 हजार वर्ग किलोमीटर का खुला एरिया 750 वर्ग किलोमीटर में दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए कूनो नेशनल पार्क उपयुक्त पाया गया
कूनों में बनाया गया स्पेशल अभ्यारण्य और फेंसिंग 750 वर्ग किलोमीटर में दो दर्जन चीतों के रहवास अब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र और श्योपुर-शिवपुरी जिलों में चीते कर सकेंगे स्वंच्छद विचरण
3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में चीते कर सकेंगे स्वंच्छद विचरण चीते के शिकार के लिए चीतल सांबर छोड़े गए कूनो में विभिन्न प्रकार की 174 पक्षियों की प्रजातियां भी मौजूद हैं.
सैंकड़ो वन्यजीवों की प्रजातियों के साथ 12 दुर्लभ प्रजातियों के जानवर सैंकड़ो वन्यजीवों की प्रजातियों के साथ 12 दुर्लभ प्रजातियां भी कूनो को सुशोभित करती हैं.