भोपाल।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के सामने गैस पीड़ितों ने बैनर लगाकर प्रदर्शन किया, जिसमें भोपाल मेमोरियल अस्पताल का संचालन पूर्ण रूप से केंद्र से ही करने की गुजारिश की गई. जिसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री से मिला, इस बैठक में निर्णय हुआ कि भोपाल मेमोरियल अस्पताल में मेडिकल कॉलेज को खोला जाएगा. इसके साथ ही पीजी और यूजी के स्टूडेंट्स की पढ़ाई भी यहां कराई जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने AIIMS में भी व्यवस्थाएं देखने पहुंचे, इस दौरान उन्होंने आयुष्मान योजना की भी समीक्षा की. (Mansukh Mandaviya Bhopal Visit)
भोपाल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया:स्वास्थय सुविधाओं को कैसे बेहतर बनाया जाए और उसमें क्या-क्या सुधार किया जाए, इसको लेकर लगातार चिंता जताई जाती हैं, ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया एक दिनी प्रवास पर भोपाल में थे. यहां उन्होंने बीएमएचआरसी, एम्स के साथ ही सीपेट का निरीक्षण किया. जबलपुर के बाद दोपहर में भोपाल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का स्टेट हैंगर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने स्वागत किया. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री का काफिला बीएमएचआरसी अस्पताल के लिए रवाना हुआ.
BMHRC को ऑटोनॉमस बनाए जाने के विरोध पर बोले मंडाविया:वहीं रास्ते में गैस पीड़ित संगठनों ने बैनर पोस्टर लगाकर बीएमएचआरसी को ऑटोनॉमस बनाए जाने का विरोध किया और वापस इसका संचालन केंद्र के अधीनस्थ करने की मांग की. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया आने बीएमएचआरसी परिसर में ही सभी अधिकारियों के साथ गैस पीड़ित संगठनों से भी चर्चा की. इस चर्चा में निर्णय निकला कि भोपाल मेमोरियल अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा, जिससे यहां पर चिकित्सा शिक्षकों की कमी ना हो और डॉक्टर्स भी पर्याप्त मात्रा में हो. साथ ही यूजी और पीजी की पढ़ाई भी यहां कराई जाए.