भोपाल।मध्य प्रदेश में भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के दो टिकटों के लिए महिलाओं को तवज्जो दिया है. एक दलित और एक ओबीसी चेहरे को सामने रखकर बीजेपी ने आने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ आम चुनाव को साधने की कोशिश की है. माना जा रहा था कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की 2 सीटों में से एक सीट दिल्ली के खाते में जाएगी, लेकिन सोमवार की देर रात बीजेपी ने एक दलित महिला को राज्यसभा भेजने का फैसला करके सबको चौंका दिया.
दलित महिला को केंद्रीय हाईकमान ने हरी झंडी दी:भाजपा ने तीन बार की पार्षद सुमित्रा वाल्मीकि को राज्यसभा भेजकर उन बड़े नेताओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया जोकि राज्यसभा की आस लगाए बैठे थे. सुमित्रा वाल्मीकि जबलपुर से हैं और प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. वहीं, कविता पाटीदार दूसरी उम्मीदवार हैं जो कि भाजपा का ओबीसी चेहरा हैं. बता दें कि भाजपा के खाते की दूसरी सीट के लिए प्रदेश संगठन की तरफ से ब्राह्मण और दलित वर्ग के दो-दो नाम दिल्ली भेजा गये थे, लेकिन दलित महिला को केंद्रीय हाईकमान ने हरी झंडी दी.
उमा-कैलाश जैसे बीजेपी के कई दिग्गजों को निराशा हाथ लगी :सवर्णों में जयभान सिंह पवैया, विनोद गोटिया और डॉ. जितेंद्र जामदार ,दलित चेहरों में चिंतामणि मालवीय, लाल सिंह आर्य, ओबीसी में कविता पाटीदार के साथ-साथ बंशीलाल गुर्जर के नाम दिल्ली भेजे गए थे. लेकिन, केंद्रीय हाईकमान ने एक ऐसा चेहरा सामने रखा जिसने सबको चौंका दिया. पार्टी के लोग भी सुमित्रा वाल्मीकि का नाम देखकर हैरत में हैं, उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय के नामों की अटकलें भी लगाई जा रही थीं.
नए चेहरों को राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने दलित और ओबीसी वोट बैंक साधा:
राज्यसभा से एक महिला सीट खाली होने का फायदा कविता पाटीदार को मिला. वो युवा ओबीसी चेहरा हैं प्रदेश महामंत्री का पद 2 साल से संभाल रही हैं. पहले दो बार प्रदेश मंत्री रहीं और हाल ही में ग्रुप में भी उनको जगह दी गई. कविता के पिता भेरुलाल पाटीदार सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री रहे और योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. वहीं, दूसरी सीट भी महिला के खाते में गई जो कि एक दलित हैं. सुमित्रा वाल्मीकि कोई बड़ा चेहरा नहीं हैं, जबलपुर की रहने वाली हैं बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और जबलपुर नगर निगम की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और तीन बार पार्षद.