भोपाल। जिला पंचायतों में अध्यक्ष को लेकर बीजेपी-कॉंग्रेस की लड़ाई सडकों तक आ गयी है. पहले मंत्री विश्वास सारंग और दिग्विजय सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई और उसके बाद दिग्विजय सिंह को भोपाल जिला पंचायत के कक्ष में नहीं जाने दिया गया, उसे लेकर दिग्विजय सिंह की पुलिस वालों से झूमा झटकी हो गई. सोशल मीडिया पर बीजेपी ने दिग्विजय की झड़प को इस तरह दिखाकर वायरल किया है, जैसै वे पुलिस अधिकारी की गर्दन दबा रहे हों. फोटो पर कॉंग्रेस ने बयान जारी करते हुए वो वीडियो दिखाया है, जिसमें दिग्विजय को पुलिसकर्मी अन्दर नहीं घुसने दे रहे थे और दिग्विजय को बाहर ही कर दिया.
भोपाल में निर्वाचन के दौरान दिग्विजय सिंह और विश्वास सारंग में ठनी बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने ट्वीट की फोटो: मुख्यमंत्री शिवराज ने भी बयान देने में देरी नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा है कि, ऐसा अशोभनीय व्यवहार किसी पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता. पुलिस अधिकारी की कॉलर पकड़ रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, कलेक्ट्रेट के गेट को धक्का दे रहे हैं. यह बदतमीजी है और यह कांग्रेस की बौखलाहट है. हार-जीत चलती है, लेकिन इस तरह का कृत्य निंदनीय है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'चुनाव में जिस तरह की अवस्थाएं हुई हैं और अवैधानिक तरीके से निर्वाचन कराए गए हैं, उसको देखते हुए आगे से निर्वाचन आयोग को चुनाव कराना ही बंद कर देना चाहिए. जिला कलेक्टर सीधे बीजेपी से नाम बुलाकर उन्हें निर्वाचित कर दे'.
BJP Congress leaders scuffle: दिग्विजय सिंह और विश्वास सारंग के बीच भिड़ंत! बात तू-तू मैं-मैं से आगे हाथापाई तक पहुंची, देखें Video
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर लगाए आरोप: जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन ने गड़बड़ी की शिकायत लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस नेता राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचे. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि, जिला पंचायत के निर्वाचन में बीजेपी ने नियमों को किनारे रखकर चार टेंडर वोट कराएं, जबकि टेंडर वोट उन्हीं के कराए जा सकते थे जो उम्मीदवार शारीरिक रूप से अक्षम होता है. लेकिन बीजेपी ने उम्मीदवारों के स्थान पर अपने कार्यकर्ता ही खड़े कर दिए और इस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव बीजेपी जीत गई. दिग्विजय सिंह ने आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे इस मामले को लेकर कोर्ट भी जाएंगे.
शिकायत लेकर आयोग पहुंचे दिग्विजय सिंह: जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव बेहद गहमागहमी पूर्ण रहा. जिला पंचायत कार्यालय में बीजेपी के मंत्री विश्वास सारंग और दिग्विजय सिंह आपस में भिड़ गए. दिग्विजय सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी द्वारा कराए गए टेंडर वोट को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है और निगम दरों पर जाकर टेंडर वोट कराए गए. इसकी शिकायत लेकर दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस नेता राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचे. दिग्विजय सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि, जिला पंचायत अध्यक्ष के कुल 10 सदस्य थे जिन्हें अध्यक्ष का चुनाव करना था. इसमें से 8 सदस्य कांग्रेस के थे, जबकि दो बीजेपी के थे. वोटिंग के दौरान अवैधानिक रूप से चार टेंडर वोट कराए. दिग्विजय सिंह के मुताबिक टेंडर वोट सिर्फ उसी कंडीशन में किया जा सकता है, जब सदस्य शारीरिक रूप से अक्षम हो या वोट डालने की स्थिति में ना हो. साथ ही टेंडर वोट सिर्फ सदस्य का करीबी रिश्तेदार ही डाल सकता है, लेकिन इसके स्थान पर बीजेपी ने टेंडर वोट के लिए अपने कार्यकर्ता खड़े कर दिए. जिसके बाद बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव जीत गई.
दिग्विजय सिंह ने आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल: दिग्विजय सिंह ने कहा कि, उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा दी है. लेकिन उन्हें उम्मीद कम है कि यहां कोई सुनवाई होगी. दिग्विजय सिंह ने कहा कि अभी तक जितनी भी कांग्रेस की तरफ से शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, उस पर आयोग द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया. यदि इस मामले में भी कोई निर्णय नहीं होता, तो वह इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे.