भोपाल।कोरोना काल के बीच एक और मुसीबत आ गई है. इसका नाम है बर्ड फ्लू. ये वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इससे संक्रमित लोगों में से आधे से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. जबकि, कोरोना से संक्रमित लोगों में से मरने वालों की दर करीब 3 फीसदी है. इसलिए बर्ड फ्लू को लेकर देश के कई राज्य अलर्ट हो चुके हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसके जरिए देश में आ रहे ऐसे मामलों पर नज़र रखी जा रही है.
क्या है बर्ड फ्लू (Bird Flu)
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जानते हैं. पक्षियों से एक दूसरे में फैलने वाले वाला यह वायरस बेहद संक्रामक होता है. इसके कई सारे स्ट्रेन होते हैं लेकिन सबसे खतरनाक स्ट्रेन H5N1 होता है. World Health Organization के मुताबिक Bird Flu का इंफेक्शन एक शख्स से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना मुश्किल है. लेकिन ये वायरस जानलेवा है. इससे संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 60 प्रतिशत है.
इंसानों में बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू इंसानों में तभी फैलता है जब वो किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आए हों.. इंसानों में इस वायरस के केस कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं लेकिन एक शख्स से दूसरे शख्स में इस वायरस के फैसले की संभावना कम होती है. बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है. बर्ड फ्लू के इंसानों में आए मामलों में देखा गया है कि यह सभी इस वायरस से संक्रमित किसी जीवित या मृत पक्षी के संपर्क में आए थे.
बर्ड फ्लू के लक्षण
आम तौर से संक्रमित होने के 2-8 दिनों के बाद लक्षण लगभग जाहिर होते हैं. संक्रमित लोगों को सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों का सामना होता है. उन लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, गले की खराश, मितली, उल्टी, सिर दर्द, जोड़ों का दर्द, इनसोमनिया और आंखों का संक्रमण शामिल है. बच्चों को भी वही लक्षण सामने आते हैं. ये वायरल संक्रमण बढ़कर न्यूमोनिया हो सकता है और कभी-कभी तो सांस की परेशानी भी हो सकती है.