भोपाल।मध्यप्रदेश में 3 मई को भगवान परशुराम की जयंती के मौके पर सीएम शिवराज सिंह ने एलान किया था, कि स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के जीवन चरित्र और उनसे जुड़े तथ्यों को शामिल किया जाएगा. लेकिन तीन हफ्ते बीतने के बाद भी स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम को शामिल किए जाने की कोई कवायद फिलहाल शुरु नहीं हुई है. सीएम ने एक बार फिर रीवा में दोहराया कि भगवान परशुराम का जीवन चरित्र स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा, लेकिन इस सत्र में परशुराम की जीवनी को शामिल नहीं किया जा सकेगा. हालांकि 2018 में भी सीएम शिवराज ने भगवान परशुराम की जीवनी को शामिल करने का एलान किया था.
ब्राम्हणों को लुभाने के लिए घोषणाओं का पिटारा: एमपी में इस वक्त ओबीसी आरक्षण पर सियासी घमासान मचा हुआ है. ओबीसी को लुभाने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इस बीच बीजेपी सरकार सर्वेणों को साधने में भी जुटी है. भोपाल में सीएम ने गुफा मंदिर में भगवान परशुराम की विशालकाय मूर्ती का लोकार्पण कर ब्राम्हणों के लिए खासतौर से मंदिर के पुजारियों को 5 हजार प्रति माह मानदेय देने का एलान भी किया. साथ ही संस्कृत पढ़ने वाले कर्मकांडी और संस्कृत पढ़ने वाले अन्य सभी विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति दिए जाने का एलान किया. वहीं सीएम ने ब्राम्हण वर्ग को साधते हुए कहा कि सरकार ने सामान्य वर्ग आयोग बनाया है, इसी तरह सामान्य वर्ग के निर्धन ब्राम्हण के कल्याण के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे. 1900 पदों पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती कर दी है, आगे भी भर्ती अभियान जारी रहेगा. जब तक पद नहीं भरे जाते, हम अतिथि शिक्षक रखेंगे. एमपी में 5 से 6 फीसदी ब्राम्हण हैं.
स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में दिया जवाब: राज्य सरकार ने साफ किया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की तरह मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रमों में रामायण, गीता, महाभारत, बुद्ध चरित्र, महावीर स्वामी, गुरुनानक देव, गुरु गोविंद सिंह आदि पर आधारित पाठ (अध्याय) तो पढ़ाए जा रहे हैं, पर इन पर आधारित किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. भाजपा विधायक डा. सीतासरन शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने विधानसभा में दी. विधायक ने पूछा था कि क्या पाठ्यक्रम में भी इन पर आधारित किताबें शामिल की जा रही हैं. राज्यमंत्री ने रामायण, महाभारत, गीता पर आधारित पाठों का उल्लेख करते हुए कहा है कि रामायण पर आधारित कक्षा नौ में पहला पाठ कुशल प्रशासनम और दसवां पाठ जटायो: शौर्यम है. महाभारत पर आधारित यक्ष प्रश्ना:, जननी तुल्यवत्सला, सौवर्णो नकुल: सहित अन्य पाठ शामिल हैं.
स्कूलों के पाठ्यक्रम में महापुरुषों के साथ-साथ अन्य की जीवनी को शामिल करने की प्रकिया चल रही है. इस सत्र के बाद स्कूली पाठ्यपुस्तकों में सीएम ने जिन महापुरुषों को शामिल करने की बात कही है, उस पर काम चल रहा है. यह एक लंबी प्रकिया है, लिहाजा समय लग रहा है.
- इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री
महापुरुषों की जीवनी शामिल करने की घोषणा: सीएम ने 2018 में ऐलान किया था कि कई महापुरुषों की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगें, लेकिन किताबों में शामिल नहीं हो सकी थीं. राज्य सरकार ने रानी पद्मावती, भगवान परशुराम व संत कंवरराम की जीवनी को शामिल करने के लिए घोषणा की थी. हालांकि 11वीं कक्षा की हिन्दी में आदि शंकराचार्य सहित अन्य पांच महापुरुषों की जीवनी और उनकी कविताओं को शामिल किया गया था.