भोपाल/इंदौर/जबलपुर.तेजी से बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते मध्य प्रदेश में भी बायोडीजल की खपत और इसकी बिक्री का गोरखधंधा भी तेजी से बढ़ा है. खासकर मालवा निमाड़ सहित प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में इन दिनों अवैध बायोडीजल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने इस मामले में छापेमारी कर 2 पेट्रोल पंपों से 24000 लीटर बायोडीजल बरामद किया था. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अंचल में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से चल रहे बायोडीजल की अवैध बिक्री के गोरखधंधे का भी खुलासा हुआ है.
विकल्प के तौर पर बढ़ी बायोडीजल की मांग
देशभर में पेट्रोल की तरह ही डीजल के दाम भी ₹100 के आसपास पहुंचने के बाद डीजल के विकल्प के तौर पर बायोडीजल की मांग में खासा इजाफा हुआ है, हालांकि राज्य एमपी में वैद्य अनुमति के बिना बायोडीजल की बिक्री को प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके प्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में बड़े पैमाने पर गुजरात के रास्ते 'इंपोर्टेड डीजल' कहे जाने वाले बायोडीजल की बड़े पैमाने पर चोरी छुपे बंपर आवक हो रही है. अवैध तरीके से आ रहे इस 'इंपोर्टेड डीजल' को इंदौर समेत धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, देवास ,उज्जैन, मक्सी और शाजापुर आदि जिलों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.
रोजाना 400 टैंकर की अवैध सप्लाई
एक अनुमान के मुताबिक इंपोर्टेड डीजल के हर रोज लगभग 300 से 400 टैंकर मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित विभिन्न पेट्रोल पंपों पर चोरी छुपे बायोडीजल की सप्लाई कर रहे हैं. जिसे ऑर्डर मिलने पर रात में टैंकरों से सीधे ही बेचा जा रहा है. कई पेट्रोल पंप संचालक भी बायोडीजल को डीजल में मिलाकर बेच रहे हैं. पंपों पर बायोडीजल को अलग से करीब ₹70/ लीटर में बेचा जा रहा है. इस तरह से हो रही बायोडीजल की अवैध बिक्री पर व्यापारी 20 से ₹30 का मुनाफा कमा रहे हैं.
सार्वजनिक विक्रय के लिए 11 विभागों की अनुमति जरूरी
मध्यप्रदेश में बायो डीजल की बिक्री के लिए आमतौर पर पेट्रोल पंप जैसी व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी इसके सार्वजनिक विक्रय के लिए विस्फोटक अधिनियम खाद्य अधिनियम एवं अन्य नियमों के अनुसार करीब 11 विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूरी है. इन विभागों की अनुमति के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान पर ही बायोडीजल विक्रय की अनुमति दी जाती है, लेकिन उज्जैन में दो स्थानों को छोड़कर अंचल के करीब एक दर्जन जिलों में बायोडीजल अवैध तरीके से बेचा जा रहा है.
यह है कानून
बायोडीजल पंप का संचालन करने के दौरान 11 विभागों में से किसी एक की भी परमीशन अगर नहीं होती है तो संचालक के खिलाफ मोटर स्परिट और हाई स्पीड डीजल (आपूर्ति ,वितरण का विनिमयन और कदाचारों की रोकथाम) नियम 2005 के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाती है. जिसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.
इंदौर में जब्त हुआ 23 हजार लीटर मिलावटी बायोडीजल
हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने बिचोली हप्सी क्षेत्र में दो अवैध पेट्रोल पंपों पर अवैध तरीके से बायोडीजल बेचे जाने की शिकारत मिलने पर छापामारा था. इस दौरान 2 पंपो में से 1 पर साढ़े 4000 लीटर और दूसरे पर साढे 19000 लीटर बायोडीजल पाया गया. प्रशासन ने बायोडीजल बेचने वाले महेश्वर स्वराज बायोडीजल के रामपाल सिंह चौहान और कर्मचारी राजेश रूप सिंह परमार के खिलाफ अवैध डीजल बेचने का प्रकरण दर्ज किया था. अवैध तरीके से बायोडीजल की बिक्री बढ़ने के मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन अब आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इंदौर जिले में ही फिलहाल 4 प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.
मध्यप्रदेश में ऐसे आता है बायोडीजल
गुजरात से आने वाले अवैध बायोडीजल के टैंकर झाबुआ, बड़वानी और अलीराजपुर आदि इलाकों में लेकर आते हैं.उसके बाद इस बायोडीजल को टैंकरों में भरकर इंदौर, उज्जैन, भोपाल और आसपास के जिलों में भेजा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक इंदौर में ही बायोडीजल की प्रतिदिन खपत 10 लाख लीटर के करीब पहुंच चुकी है. 55 रुपए प्रति लीटर के भाव पर खरीदा जाने वाले यह बायो डीजल पेट्रोल पंप पर 80 से ₹90 /लीटर तक वाहन मालिकों को बेच दिया जाता है. इसके अलावा अवैध रूप से रात के अंधेरे में सीधे ही टैंकरों के जरिए भी ग्रामीण इलाकों में इसकी सप्लाई की जा रही है.