भोपाल। राजधानी भोपाल के मैनिट परिसर में पिछले 13 दिनों से घूम रहा बाघ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया. बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने मैनिट परिसर में अलग-अलग स्थानों पर तीन पिंजरे लगाए थे. पिंजरे में बाघ को ललचाने के लिए बकरा बांधा गया. बाघ इसे खाने के लिए जैसे ही पिजरे में दाखिल हुआ उसमें कैद हो गया. वन विभाग के मंडल अधिकारी आलोक पाठक के मुताबिक बाघ को पकड़ लिया गया है, उसे जल्द ही जंगल में छोड़ दिया जाएगा. (bhopal tiger in cage) (bhopal finally after 13 days tiger in cage)
बाघ के हमले से युवक घायल, जान बचाने के लिए डेढ़ घंटे तक पेड़ पर चढ़ा रहा युवक
पिछले 13 दिनों से आतंक बना था बाघःमैनिट में बाघ करीबन 13 दिनों से घूम रहा था. जिसके बाद मैनिट में स्टूडेट्स को हॉस्टल से न निकलने की सलाह दी गई थी. ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही थी. बाद में मैनिट में छुट्टी कर दी गई थी. पिछले 13 दिनों के दौरान बाघ इलाके में लगातार शिकार कर रहा था. 13 दिनों के दौरान बाघ ने मैनिट परिसर में 5 गायों पर हमला किया था. इसमें से 3 गायों की मौत हो गई थी. हालांकि बाद में वन विभाग ने मैनिट परिसर में घूम रही गायों को बाहर निकाला था. लगातार बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही थी. (bhopal tiger became a terror in manit)
लगाए गए थे कैमरे और पिंजरेः बाघ की निगरानी के लिए मैनिट परिसर में कई स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे. कैमरे में बाघ कैद भी हुआ था. इसके बाद से टाइगर की तलाश की जा रही थी. बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए थे. ऐसे ही एक पिंजरे में बाघ फंस गया. मैनिट करीबन 650 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें से 100 एकड़ वन क्षेत्र हैं, जहां घना जंगल है. यह क्षेत्र कलियासोत डैम से सटा हुआ है. यही वजह है कि कलियासोत के जंगलों से होते हुए बाघ मैनिट परिसर में दाखिल हो गया. बाघ के पकड़े जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है. (bhopal how tiger trapped in the cage)