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Bhopal Sisters Day Special: छोटी उम्र में बड़ी परीक्षा, भाई के लिए बनी दीदी मां

सिस्टर्स डे स्पेशल: उम्र से छोटी लेकिन भाई के लिए दीदी मां बनी बहन, जिसे पढ़ कर किसी की भी आंखे भर आएं ऐसी है वनीशा की कहानी (Bhopal Sisters Day Special). जिसने कोरोना की लहर में मां-बाप को खोने के बाद भाई की इस तरह से जिम्मेदारी उठाई कि उसे उनकी कमी नहीं खलने दी. वनीशा हर परिस्थिति में विवान की ताकत बनी रही पर अब विवान भी बहन वनीशा के कामों में हाथ बंटाने लगा है. सिस्टर्स डे पर विवान ने वनीशा के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाया है.

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Published : Aug 6, 2022, 11:03 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 7:54 AM IST

Story of Vanisha Vivan of Bhopal
भोपाल के वनीशा विवान की कहानी

भोपाल। आम बहनों की तरह अपने छोटे भाई की नादानियों पर झुंझलाते. माता पिता से उसकी शिकायत करते नहीं गुजरता वनीशा का दिन. वक्त और हालात ने 16 बरस की छोटी उम्र में इस बहन को मां बना दिया है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब एक के बाद एक माता पिता को खोया. तब वनीशा के पास पांचवी में पढ़ रहे अपने छोटे भाई विवान की ताकत बन जाने के सिवाय कोई चारा ना था. वनीशा टूट जाती तो घौसले में बाकी बचे इन दो मासूमों को बिखर जाना तय था. सीबीएसई में दसवी की परीक्षा में 99.8 फीसदी अंक हासिल करने वाली टॉपर के बतौर बनी है वनीशा पाठक की पहचान. लेकिन उसका असली इम्तेहान तो इस नतीजे के बाद शुरु हुआ. उसकी जिंदगी का सबसे मुश्किल बरस जब माता पिता के बगैर भी इस बहन ने अपने छोटे भाई को हर कदम पर संभाला है. (Bhopal Sisters Day Special)

भोपाल के वनीशा विवान की कहानी

टॉपर बन गई, पर इम्तेहान तो बाकी था: मीडिया में कई महीनों तक 10 वीं की टॉपर के रुप में छाई रही भोपाल की वनीशा पाठक. वो बेटी जिसने माता पिता को खो देने के बाद के मुश्किल वक्त में उनके सपने को पूरा किया. दसवीं में टॉप किया. लेकिन जीवन का इम्तेहान तो क्लासरुम से बाहर होता है. बीता एक साल वनीशा के लिए परीक्षा का साल था. एक बहन के लिए उन सवालों से जूझने और उनके जवाब तक पहुंचने का साल था कि वो खुद को तो संभाल भी ले. बहुत छोटी उम्र में मां पापा को खो चुका भाई विवान को कैसे संभल पाएगी. जिस दिन मां की कोरोना से हुई मौत की खबर आई वनीशा ने तय कर लिया वो अपने भाई के आगे रोएगी नहीं. कहती है, मम्मी पापा के रहते हुए बात अलग थी लेकिन अब मैं नहीं चाहती थी कि वो कमज़ोर पड़े. वनीशा जोड़ती है, पर वो मुझसे ज्यादा स्ट्रांग है. वो अपनी दीदी का सपोर्ट सिस्टम है. मैं उसे सैल्फडिपेंट बनता देखना चाहती हूं इसलिए उसे काम करने देती हूं. पढ़ाती हूं बस. लेकिन अब उल्टा वो मेरा टिफिन लगाता है. मेरा ख्याल रखता है.

बहन का अफसोस, भाई जल्दी बड़ा हो गया: भोपाल की रहने वाली वनीशा ने कोरोना की दूसरी लहर में माता पिता दोनों को खो दिया. उनके ईलाज के दौरान भाई बहन घर पर अकेले थे .उनकी मौत की खबर सुनने के बाद कोई नहीं था उनके पास जिसके सीने से लगकर रो पाते. अब वनीशा और विवान अपने मामा मामी के साथ रहते हैं. लेकिन बहुत कम उम्र में जिंदगी के सबसे बड़े हादसे से गुज़रे इन बच्चों की दुनिया कोरोना की दूसरी लहर के बाद बदल गई है. वनीशा कहती है. मई 2021 से पहले हम भाई बहन की जो बॉडिंग थी वो अब और ज्यादा मज़बूत हो गई है. लेकिन बस एक बात का अफसोस है, मेरा भाई बचपन नहीं जी पाया. इस हादसे ने उसे वक्त से पहले बड़ा बना दिया है. वनीशा ये कहते हुए अपने आंसू नहीं रोक पाती. वो भाई का इमोशनल सपोर्ट भी है. उसकी टीचर भी. दोस्त भी. कहती है विवान को हर वक्त ये फिक्र लगी रहती है कि वनीशा दीदी को कुछ ना हो जाए. मेरी तबीयत खराब हो तो डिस्टर्ब हो जाता है. (Bhopal Sisters Day Special)

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भाई की फिक्र, बहन को अपनी चिंता नहीं: किसी भी हादसे का असर बच्चों पर कितना गहरा होता है. छठवी कक्षा में पढ़ रहे वनीशा के भाई विवान की फिक्र इसकी बयानी है. छोटी उम्र में माता पिता को खो देने का असर ही है ये कि विवान अपनी दीदी वनीशा को बीमार नहीं देख पाता. ज़रा तबीयत खराब हो तो परेशान हो जाता है. विवान कहता है, मैं छोटा होकर भी दीदी का ख्याल रखता हूं. वो पढ़ती है टॉपर है इंटेलीजेंट है. लेकिन एक गड़बड़ है कि उसको अपनी चिंता नहीं रहती है. खाने पीने का बिल्कुल ध्यान नहीं रहता.

सिस्टर्स डे पर दिया दीदी को ग्रीटिंग: वनीशा और विवान ने गुज़रे एक साल में जिस तरह से हर मुश्किल का सामना किया है. जिस तरह से एक दूसरे को संभाला है.वो एक दूसरे के लिए ऊपरवाले की दी हुई सौगात ही हैं. लेकिन विवान सिस्टर्स डे पर अपनी दीदी को स्पेशल फील करवाना नहीं भूला. उसने दीदी के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाया है. यूं तो दिन के हर दिस्से में अपनी फिक्र प्यार और संभाल से एक दूसरे का ख्याल रखते हैं दोनों. लेकिन सिस्टर्स डे तो फिर खास मौका है विवान के लिए अपनी दीदी को ये बताने का कि वो उसके लिए कितनी खास है. (Bhopal Sisters Day Special)

Last Updated : Aug 7, 2022, 7:54 AM IST

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