भोपाल। राजधानी के स्कूल में बच्ची के साथ हुए रेप मामले में पुलिस ने स्कूल चेयरमैन सहित 4 पर FIR दर्ज की है. इस जघन्य कांड की जांच SIT की टीम कर रही है. SIT की टीम FIR की ड्राफ्टिंग कर स्कूल से महिला थाने लौटी. तब SIT चीफ एडिशनल DCP श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि इस मामले में स्कूल के चेयरमैन फैजल अली, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल, चेयरपर्सन प्रमोटर नज्म जमाल और ट्रासपोर्ट मैनेजर सय्यद बिलाल के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए FIR की गई है. (Girl raped in school bus)
SIT चीफ एडिशनल DCP श्रुतकीर्ति सोमवंशी का बयान क्या है मामला:गौरतलब है कि राजधानी भोपाल के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूल के बस चालक और महिला केयर टेकर के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. तीन साल की बच्ची स्कूल बस से रोजाना आती जाती थी. बस ड्राइवर ने मासूम बच्ची के साथ छेड़छाड़ की और रेप भी किया. बच्ची के परिजनों की शिकायत पर रातीबड़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों बस चालक व महिला केयरटेकर को गिरफ्तार कर लिया. वहीं आरोपी ड्राइवर ने भी अपना जुर्म कबुल कर लिया है. भोपाल महिला थाना में आरोपी के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. आरोपी बस ड्राइवर हनुमत जाटव तथा बस की महिला परिचारिका उर्मिला साहू को जेल रिमाण्ड पर भेजा जा चुका है. (Bhopal School Child Rape)
पुलिस कर रही मामले में गहन विवेचना:अपराध की विवेचना निधि सक्सेना, सहायक पुलिस आयुक्त महिला सुरक्षा भोपाल द्वारा की जा रही है. प्रकरण में संबंधित बस को जब्त कर फोरेंसिक परीक्षण हेतु भेजा जा चुका है. पुलिस आयुक्त भोपाल के निर्देश पर इस अपराध में विवेचना हेतु एक SIT (विशेष जांच दल) का गठन किया गया है. जिसकी अध्यक्षता SIT चीफ एडिशनल DCP श्रुतकीर्ति सोमवंशी कर रहे हैं. अपराध की विवेचना हेतु SIT दल स्कूल पहुंची तथा यहाँ उन्होंने स्कूल के वरिष्ठ प्रबंधन के सदस्यों के बयान लिये एवं दस्तावेजों व साक्ष्यों का परीक्षण किया. अपराध में स्कूल प्रबंधन की भूमिका, रेप के बाद भी पुलिस को सूचना न देना तथा सर्वोच्च न्यायालय के मानदण्डों का समुचित पालन न करने का दोषी पाये जाने पर पाक्सो एक्ट के अंतर्गत धारा 21 तथा भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत धारा 188 का अपराध महिला थाना भोपाल में पंजीबद्ध किया गया है. SIT दल को लगातार विवेचना कर शीघ्रता से कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश जारी किए हैं.
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सागर पुलिस अधीक्षक ने दिये सख्त निर्देश: राजधानी भोपाल में स्कूल बस में 3 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी के बाद पूरे प्रदेश में पुलिस ने सख्त रवैया अपना लिया है. सागर पुलिस अधीक्षक तरुण नायक, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल पहुंचे और स्कूली बसों में गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने के साथ स्कूल संचालकों को स्कूल बसों की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि ये निर्देश समस्त जिले में तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और यदि किसी भी स्थिति में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो बस संचालक के साथ-साथ दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
सागर पुलिस अधीक्षक ने दिये निर्देश स्कूल बस और वाहनों के लिए निर्देश
- बसों के ड्राइवर एवं अटेंडर का पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाए.
- बच्चों के स्कूल आवागमन हेतु प्राइवेट वाहनों का भी पुलिस वेरिफिकेशन करवाना स्कूल की जिम्मेदारी होगी.
- स्कूल बस वाहन चालक का पूर्व में किसी प्रकार का अपराधिक रिकॉर्ड ना रहा हो, उसने पूर्व में किसी प्रकार से ही यातायात नियमों का उल्लंघन ना किया हो.
- जिन बसों में छात्राएं सफर करती हैं उनमें महिला अटेंडर होना आवश्यक है.
- यदि किसी कारण से बस या वाहन का ड्राइवर बदलता है, तो उसका वेरिफिकेशन करवाने के बाद ही बदला जाए.
- बसों में सीसीटीवी कैमरे, दरवाजे स्पीड गवर्नर, फर्स्ट एड किट, (जो एक्सपायर ना हो), फायर एक्सटिंग्विशर एवं फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से होना चाहिए.
- बसों में बच्चों के लिए अटेंडर अनिवार्य रूप से होना चाहिए. इसकी जांच थाना पुलिस के द्वारा भी समय-समय पर निरंतर की जानी चाहिए.
- बच्चों को स्कूल हेतु आवागमन के सभी वाहन का संचालन अवैध रूप से लगी हुई गैस किट से ना हो यह सुनिश्चित किया जाए.
- बच्चों को स्कूल जाने हेतु सभी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे ना बैठे हो यह सुनिश्चित किया जाए. यह भी सुनिश्चित हो कि स्कूल के सामने जेबरा क्रॉसिंग स्पीड ब्रेकर एवं साइन बोर्ड आदि लगे हों.
- किसी भी स्कूल की कोई भी बस/अन्य वाहन में किसी भी प्रकार के सुरक्षा मानकों की कमी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधक को कार्रवाई सुनिश्चित कर सभी मानकों को पूरा करने के बाद ही वाहन एंव चालक को नियुक्त करने के निर्देश दिए.
जिले भर में अभियान:जिले के समस्त थाना प्रभारियों को सख्त निर्देशित किया गया है कि इन नियमों का पालन न करने वाले स्कूल प्रबंधन एवं वाहनों पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को भी पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु कहा गया है. पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार जिले के समस्त थाना प्रभारिओं ने स्वयं स्कूलों में जाकर स्कूल प्रबंधन से मिलकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए. स्कूल वाहनों की चेकिंग भी की गई.
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