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लॉटरी-सट्टे के समर्थन में सांसद प्रज्ञा सिंह, बोलीं- सरकार की नीतियों के साथ, इससे समाज का लाभ होगा

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लॉटरी और सट्टा (Lottery and Betting) खिलाने की अनुमति देने के सरकार (MP Government) के फैसले का भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह (Bhopal MP Pragya Singh) ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि वह सरकार की नीतियों के साथ हैं, इससे सभी को लाभ होगा.

लॉटरी-सट्टे के समर्थन में सांसद प्रज्ञा सिंह
लॉटरी-सट्टे के समर्थन में सांसद प्रज्ञा सिंह

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Published : Sep 7, 2021, 11:00 PM IST

भोपाल(Bhopal)।मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) की तरफ से लॉटरी और सट्टा(Lottery and Betting) खिलाने की अनुमति दे दी गई है. इसको लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इस बीच मामले में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह (Bhopal MP Pragya Singh) का बयान सामने आया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. सांसद का मानना है कि इससे समाज का लाभ होगा. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि यह सब सरकार की नीतियां हैं, जिसके वह साथ हैं.

लॉटरी-सट्टे के समर्थन में सांसद प्रज्ञा सिंह

लॉटरी-सट्टे पर प्रज्ञा सिंह का बयान

मीडिया से बातचीत के दौरान प्रज्ञा सिंह ने कहा, 'अभी कोरोना के समय में जिस प्रकार से आर्थिक स्थिति डगमगा गई है, उसका रूप दूषित नहीं करना चाहिए. लॉटरी कई प्रकार की चलती हैं. लॉटरी को नाम एक दे दिया गया है. उसमें अच्छा जो हो, जिससे समाज को लाभ हो, धन उपार्जन हो, ऐसा कार्य अवश्य करना चाहिए'.

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23 अगस्त को जारी हुआ नोटिफिकेशन

23 अगस्त 2021 को मप्र सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन (Notifications) में लॉटरी (Lottery) और सट्टा (Satta) की अनुमति (Permission) दी है. लॉटरी(विनियमन) अधिनियम 1998(1998 का 17) के अधीन और सार्वजनिक द्यूत अधिनियम 1867 (1867 का 3) के अधीन यह छूट दी गई है.

मप्र में लॉटरी और सट्टे का इतिहास

5 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 तक की राज्य की भाजपा सरकार (Bjp Govt) में मुख्यमंत्री रहे सुंदरलाल पटवा (Sunder Lal Patwa) ने अवैध सट्टा (illegal betting) बाजार को रोकने के लिए लॉटरी शुरू की थी, परंतु जब कुछ ही माह में इसकी चौतरफा आलोचना हुई तो उन्होंने अध्यादेश लाकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं दिग्विजय सिंह के सीएम रहते हुए उस समय खजुराहो में कैसिनो खेले जाने के प्रयास हुए थे, जिसे विपक्ष की आलोचना के कारण शुरु करने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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