भोपाल(Bhopal News)।चाइल्ड पॉर्नोग्राफी मामले (Child Pornography Case) में सीबीआई द्वारा ग्वालियर सहित देशभर में छापामार कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश की सीबीआई यूनिट सक्रिय हो गई है (MP CBI Unit Active). सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर रमनीश गौर ने भोपाल यूनिट की बैठक ली. माना जा रहा है कि सीबीआई अब स्थानीय स्तर पर भी मामले की कार्रवाई को तेज करेगी. वहीं मध्य प्रदेश साइबर सेल (MP Cyber Cell) ने मोबाइल पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी की निगरानी भी कड़ी कर दी है (Child Pornography Surveillance).
स्थानीय स्तर पर हो सकती है कार्रवाई
सीबीआई ने बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें सर्कुलेट करने के मामले में मंगलवार को देश के 14 राज्यों में छापामार कार्रवाई की. सीबीआई की कार्रवाई की जद में मध्य प्रदेश के ग्वालियर का राहुल राणा भी आया है. बताया जा रहा है कि आरोपी राहुल राणा से सीबीआई पूछताछ करने में जुटी है. सीबीआई ने आरोपी के पास से जो लैपटॉप और मोबाइल जब्त किए थे, उसके डाटा को रिकवर करने की कोशिश जारी है.
सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर रमनीश गौर ने एमपी की भोपाल और जबलपुर यूनिट के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें एसपी से लेकर निरीक्षक स्तर के अधिकारी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर सीबीआई इस मामले में और भी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि सीबीआई के स्थानीय अधिकारी फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
साइबर सेल ने बढ़ाई निगरानी
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी मामले में सीबीआई की कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश साइबर सेल ने भी इसको लेकर अपनी निगरानी बढ़ा दी है. पता लगाया जा रहा है कि इस तरह के वीडियो बल्क मात्रा में सर्कुलेट कैसे किए जा रहे हैं. ऐसे लोगों की भी पहचान हो रही है.
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आईटी एक्ट में हैं सख्त प्रावधान
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर आईटी एक्ट में सख्त प्रावधान किए गए हैं. आईटी एक्ट की धारा-67बी में इसको लेकर प्रावधान है कि यदि किसी के मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से संबंधित कोई कंटेंट मिलता है तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है. एक्ट के मुताबिक जो लोग बच्चों से जुड़े अश्लील सामग्री तैयार करते हैं, उन्हें इकट्ठा करते हैं, डाउनलोड करते हैं, विज्ञापन देते हैं, प्रमोट करते हैं या दूसरों के साथ लेनदेन या उन्हें बेचते हैं तो यह सब गैर कानूनी है. आईटी एक्ट की धारा-67बी और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 506 और 509 के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं.
वीडियो सर्कुलेट के केस ही ज्यादा
राज्य साइबर सेल के एसपी जितेन्द्र सिंह के मुताबिक, पॉर्नोग्राफी के ज्यादातर मामले पॉर्न वीडियो डाउनलोड करने और सर्कुलर करने से जुड़े ही होते हैं. ऐसे वीडियो बनाने के मामले बहुत कम ही होते हैं. यहां मोबाइल, लैपटॉप और डेक्सटॉप से पॉर्नोग्राफी की सामग्री पोस्ट करने के मामले ही ज्यादा है, लेकिन इस तरह की कोई भी वीडियो मोबाइल में रखना और उन्हें दूसरों को भेजना अपराध है. ऐसे लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की जाती है.