भोपाल।भोपाल में बने महापौर के ऐतिहासिक बंगले को तोड़कर नगर निगम के अफसर अब बहुमंजिला इमारत बनाने की तैयारी में है, जिसे लेकर पूर्व महापौर और इतिहासकारों ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि इसकी जगह इस बिल्डिंग को सहेज कर हेरिटेज बनाना चाहिए. (bhopal historic mayors bungalow)
बंगले को तोड़कर बनाई जाएगी बिल्डिंग:नगर निगम के खेल भी निराले होते हैं, ताजा मामला भोपाल के बड़े तालाब के पास बने महापौर निवास का है. 100 साल से भी अधिक पुरानी इस हेरिटेज इमारत को तोड़कर अब अफसर यहां पर आलीशान बंगला बनाने की तैयारी में हैं. दरअसल, बड़े तालाब पर स्थित कर्बला के पास कोहेफिजा की तरफ पुराना मेयर हाउस है, जिसे 1920 के समय यहां की बेगम ने अंग्रेजों के ठहरने के लिए बनवाया था लेकिन इस बंगले में महापौर सुनील सूद के अलावा कोई नहीं रहा. जिसके बाद से यह बंगला ऐसे ही खाली पड़ा है.
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इसलिए बनाई जा रही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग:नगर निगम (bhopal municipal corporation) के चुनाव नहीं होने के कारण ना ही कोई महापौर है और ना ही कोई पार्षद. ऐसे में नगर निगम के अफसर ही अब निर्णय लेते हैं, जिसके चलते इस साल के बजट में अफसरों ने इस बंगले को तोड़कर तीन 12 मीटर ऊंची मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में बनाने का प्रावधान कर दिया है. लेकिन खास बात यह है कि इन इमारतों का इस्तेमाल कमर्शियल या अन्य गतिविधियों के लिए नहीं बल्कि निगमकर्मियों के आवास के लिए बनाया जाएगा.
नगर निगम जो करें वह सबसे अलग:अब इस बंगले के जरिए भोपाल के इतिहास और पुरातात्विक इमारत को तोड़कर नई मल्टी बनाने की तैयारी है, जिसको लेकर पुरातात्विक विद और पूर्व महापौर भी विरोध कर रहे हैं. भोपाल की पूर्व महापौर रही विभा पटेल कहती हैं कि वह भले ही इस बंगले में नहीं रहीं क्योंकि उन्हें दूसरा बंगला अलॉट था और तब यह बंगला नगर निगम के हैंडोवर भी नहीं था लेकिन किसी पुरातात्विक इमारत को तोड़कर निगम के अफसर जो मल्टी बना रहे हैं वह गलत है. इसका संरक्षण करना चाहिए.
इसलिए बंगले में नहीं रहना चाहता था कोई महापौर: इतिहासकार रिजवान कहते हैं कि इस स्थान को पहले अंग्रेजों के ठहरने के लिए बनवाया गया था. धीरे-धीरे बाद में जिस तरह से भोपाल नगर निगम की स्थापना हुई, उसके बाद इसे वेयरहाउस के लिए आवंटित किया गया लेकिन इसमें सुनील सूद के अलावा कोई भी महापौर नहीं रहा. इसके पीछे यह कहावत थी कि इस बंगले में जो ठहरता है वह अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाता और दोबारा किसी भी पद पर नहीं रह पाता.