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Bhopal MBBS In Hindi शिवराज ने रोशन किया एक दिया हिंदी पाठ्यक्रम के नाम, कार्यक्रम स्थल पर दीपावली सा माहौल - शिवराज ने रोशन किया एक दिया हिंदी पाठ्यक्रम के नाम

रविवार को अमित शाह द्वारा मेडिकल शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम का श्रीगणेश करने के पूर्व शनिवार को इसके लिए भोपाल शहर में शमा बांधा गया. इसी के चलते शाम को राजधानी के रोशनपुरा चौहारे पर एक दिया हिंदी पाठ्यक्रम के नाम का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रज्ज्वलित किया. उनके साथ इस कार्यक्रम में भाजपा के मंत्री, पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान माहौल पूरा दीपावली जैसा हो गया था. इस दौरान वहां पर आतिशबाजी भी की गई. (bhopal mbbs In hindi shivraj) (shivraj illuminated lamp in name of hindi)

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शिवराज ने रोशन किया एक दिया हिंदी पाठ्यक्रम के नाम

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Published : Oct 15, 2022, 8:31 PM IST

भोपाल।हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक दीप हिंदी पाठ्यक्रम के नाम भी जलाया गया. रोशनपुरा चौराहे पर हुआ इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे थे. उन्होंने दीप जलाकर सभी से हिंदी को बढ़ावा देने की अपील की. भोपाल के लाल परेड मैदान पर गृह मंत्री अमित शाह एमबीबीएस की पढ़ाई की हिंदी में शुरुआत करने के कार्यक्रम भाग लेने रविवार को आ रहे हैं. (shivraj illuminated lamp in name of hindi)

रोशनपुरा चौराहे पर दीपावली सा माहौलः शनिवार शाम को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर दीपावली सा माहौल नजर आया. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीप जलाकर हिंदी को बढ़ावा दिए जाने का आह्वान किया. एक दीप एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई के नाम पर हुए इस कार्यक्रम में बीजेपी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए. (atmosphere like diwali at the venue)

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शिवराज ने पीएम नरेंद्र मोदी को सराहाःमाननीय प्रधानमंत्री नेदेश के मानस को बदलने का काम किया है. लोगों की पुरानी सोच बदल दी. इस दौरान सभी ने संकल्प लिया की मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई मात्र भाषा में दी जानी चाहिए. उनकी सिद्धि को साकार करने का प्रण लिया. संकल्प प्रधानमंत्री जी का था. इसके बाद मध्य प्रदेश के चिकित्सा मंत्री के नेतृत्व में टीम बनी, डॉक्टर्स विशेषज्ञ जुड़े और पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद लोग भौचक्के हो गए. ये सब कैसे हो गया. मुठ्ठीभर लोगों ने यह भ्रम बना रखा था कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चल सकता. अंग्रेजी डर से कई पढ़ाई छोड़कर चले गए. अंग्रेजी हमारी मात्र भाषा नहीं है. बड़े पदों पर केवल बड़े लोगों के परिवार के ही पुहंचे ऐसा नहीं. गरीब के बच्चे भी डॉक्टर इंजीनियर बनें. इसके लिए हिंदी में पढ़ाई शुरू हो गयी. (bhopal mbbs In hindi shivraj) (shivraj illuminated lamp in name of hindi)

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