भोपाल।ऐसे समय में जब भाईचारे पर नफरत की आंधी हावी वहीं भोपाल के एक शख्स आंधियों में भी सर्वधर्म समभाव की मशाल जलाए हुए हैं. भोपाल के लक्ष्मीनारायण खंडेलवाल ऐसे शख्स हैं जो दोनों धर्मों को अपनाते हुए 50 साल से रमजान के महीने में रोजा रखते हैं और नवरात्र में देवी आराधना भी करते हैं. खंडेलवाल आपसी प्रेम और भाईचारे को ही अपना धर्म और मानवता को सबसे बड़ी जाति मानते हैं. लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल विष्णों देवी और अजमेर शरीफ की पैदल यात्राएं भी कर चुके हैं. (Laxmi Narayan khandelwal keeps fast in Roja).
हर रोज पढ़ते हैं 5 वक्त की नमाज:पतंग कारोबारी लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल हैं. लक्ष्मी नारायण भले ही वैश्य हैं, लेकिन बीते 50 सालों से वे रमजान में लगातार रोजे रखते आ रहे हैं. यही नहीं वे रोजे के साथ हर रोज नमाज भी अदा करते हैं. वे हर साल नव दुर्गा के व्रत भी रखते हैं, और मां वैष्णों देवी के दर्शन करने पैदल जाते हैं. देश के कई राज्यों में मौजूदा माहौल को देखते हुए यही लगता है कि लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल सर्वधर्म समभाव की जीती जागती मिशाल हैं. जिनकी हर जगह चर्चा हो रही है. (bhopal Laxmi Narayan khandelwal)
70 की उम्र 50 साल से यही दिनचर्या:नियम के अनुसार वे रोजाना मंदिर जाते हैं और रमजान के पूरे महीने रोजे भी रखते हैं. इन दिनों मस्जिद में रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करना उनकी दिनचर्या में शामिल है. लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल की उम्र 70 वर्ष से अधिक है. उन्होंने लगभग 50 सालों से अपनी यही दिनचर्या बनाए रखी है. लक्ष्मी नारायण का कहना है कि धर्म का मतलब अच्छी शिक्षा है, नफरत सिखाने वाला कोई भी धर्म नहीं, वह खालिस राजनीति है.