भोपाल।भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी ने कहा कि संगठन भी इस मामले में राज्य और केंद्र सरकारों के साथ याचिकाकर्ता है. हम अतिरिक्त मुआवज़े के रूप में 646 अरब रुपए माँग रहे हैं. जबकि सरकारें मात्र 96 अरब रुपए मांग रही हैं. अब वक़्त आ गया है कि अपने कानूनी अधिकारों पर हो रहे इस हमले के खिलाफ भोपाल के गैस पीड़ित फिर से सक्रिय हो जाएं. सरकारें 93% गैस पीड़ितों की सेहत में हुए नुकसान को अस्थाई मान रही है
गैस कांड में 23 हजार मौतें होने का दावा :इस मामले में भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन रचना ढींगरा का कहना है कि सरकार मौतों के वास्तविक आंकड़ों को पेश नहीं कर रही है. वैज्ञानिक रिपोर्ट और सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि मौत का सही आंकड़ा 23,000 से ज्यादा है और गैस लगने की वजह से बहुसंख्यक पीड़ितों के स्वास्थ्य को अस्थाई नहीं बल्कि स्थाई नुकसान पहुचा है. वहीं, गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव का कहना है कि यदि राज्य और केंद्र की सरकारें सुनवाई से पहले वादे के अनुसार सुधार याचिका में आंकड़े नहीं सुधारती है तो गैस पीड़ितों को इंसाफ मिलना नामुमकिन हो जाएगा.