भोपाल। भोपाल में यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के पीड़ितों के पांच संगठनों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अतिरिक्त मुआवजे के लिए सुधार याचिका को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर संतोष व्यक्त किया. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने सुधार याचिका में संगठनों की भागीदारी को सीमित कर दिया है. सरकार गैस हादसे में हुई मौतों और लोगों को पहुंचे वास्तविक नुकसान को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त मुआवजे की सही राशि का दावा करेगी. (government claim exact amount of compensation)
सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी पांच सदस्यीय पीठ में सुनवाईः मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) का स्वामित्व हासिल करने वाली कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने के लिए वह अपनी उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका को आगे बढ़ाएगा. न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी की दलीलों पर गौर किया और केंद्र को इस संबंध में आठ सप्ताह के भीतर एक संकलन तैयार करने का निर्देश दिया है. इसके बाद गैस पीड़ितों ने खुशी जाहिर की है. भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि "यह वास्तव में खुशी की बात है कि अटॉर्नी जनरल ने पांच न्यायाधीशों की पीठ को आश्वासन दिया कि वह 10 जनवरी को अगली सुनवाई में बढ़े हुए मुआवजे के मामले में बहस करने के लिए तथ्यों और तर्कों के साथ तैयार होंगे." (bhopal next hearing in sc will be on 10 January) (bhopal gas tragedy government)
Bhopal Gas Tragedy फिर होगी SC में भोपाल गैस कांड की सुनवाई, संगठनों ने लगाए भेदभाव के आरोप, कम मौतें दिखाने से आक्रोश
कंपनी ने तथ्यों को छिपाकर की धोखाधड़ीः भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, "जैसा कि हमारी वकील सुश्री करुणा नंदी ने मंगलवार की सुनवाई में बताया कि यूनियन कार्बाइड ने 1989 में 470 मिलियन डॉलर के समझौते को मंजूरी लेने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के साथ धोखाधड़ी की थी. इस कंपनी ने उन सारे आतंरिक दस्तावेजों को छिपा लिया, जिनसे यह साफ होता था कि जहरीली गैस फैलने से इंसानी सेहत को स्थायी नुकसान होता है. इस आधार पर सरकार को कम राशि पर समझौते के लिए सहमत होना पड़ा था. कंपनी भारत की आपराधिक अदालतों से भगोड़ा भी घोषित है. हमें उम्मीद है कि सरकार 10 जनवरी को अगली सुनवाई में भोपाल हादसे के कारण हुई मौतों और बीमारियों के वास्तविक आंकड़े पेश करके यूनियन कार्बाइड की धोखाधड़ी का पर्दाफाश करेगी." (bhopal company committed fraud by hiding the facts)
अतरिक्त मुआवजे की सही राशि का दावा करेगी सरकार क्या है सुधार याचिका मेंः “सुधार याचिका में सरकार भोपाल पीड़ितों को मुआवजा देने में खर्च किए गए धनराशि की वापसी भर का दावा कर रही है. इससे पीड़ितों को कोई फायदा नहीं होगा. जब तक मृत्यु और सेहत को पहुँचे नुकसान के आँकड़े सुधारे नहीं जाते तब तक यह सुधार याचिका भोपाल पीड़ितों पर और अधिक अन्याय का कारण बनेगी. भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने कहा कि "हम आशा करते हैं कि आगे चलकर सर्वोच्च न्यायालय अपने वादे के मुताबिक हमें अपना पक्ष रखने देगी. साथ ही यह कि सरकार अदालत में सच्चाई पेश करने के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेगी. (hearing in a five member bench of supreme court) (government claim exact amount of compensation)