भोपाल।भोपाल एम्स में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भोपाल एम्स को भी कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाया है. इसके बाद बुधवार सुबह से ही कोरोना मरीजों के यहां पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है.
दोपहर 12 बजे की तस्वीर
ईटीवी भारत ने बुधवार को दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक हर दो घंटे में एम्स की इमरजेंसी के बाहर हालातों का जायजा लिया. जिसमें अन्य दिनों की तुलना में बुधवार को यहां पहुंचने वाले मरीजों की अच्छी खासी तादाद देखी गई. दोपहर 12 बजे की तस्वीर में हम आपको दिखा रहे हैं हॉस्पिटल के इमरजेंसी गेट पर मरीजों के पहुंचने का सिलसिला जारी था. यहां दोपहर 12 से 1 बजे के बीच करीब एक दर्जन मरीज पहुंचे.
भोपाल एम्स में की गई कोरोना संक्रमित मरीज की सफल सर्जरी
दोपहर 2 बजे की तस्वीर
दोपहर 2 बजे एक साथ तीन एंबुलेंस मरीजों को लेकर हॉस्पिटल के गेट पर खड़ी थी. इनमें लाए गए मरीजों को हॉस्पिटल की फॉर्मेलिटीज को पूरा करने के बाद उन्हें एम्स में एडमिट किया गया. दोपहर लगभग 2.15 बजे एक डाक्टर ने बाहर आकर कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आज हमने कोविट के आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं कर पाएंगे यहां सिर्फ कोविड संक्रमित मरीजों का ही इलाज किया जाएगा क्योंकि इमरजेंसी केसेस काफी बढ़ गए हैं.
दोपहर 4 बजे की तस्वीर
दोपहर 4 बजे मरीजों के परिजनों की बढ़की भीड़ देखकर इमरजेंसी गेट से भीड़ को हटाया गया. वहां दो बैंच रख दी गईं थी जिनपर केवल सीरियस मरीजों को ही बैठने की अनुमति थी, जबकि मरीजों के परिजनों को गेट से बाहर इंतजार करने को कहा गया.
बाकी मरीज करते रहे इंतजारकोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए जाने के बाद दूसरी बीमारियों के भर्ती मरीजों को वार्डों में शिफ्ट कर दिया गया है, वहीं ऑपरेशन भी डाले जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला शमशाबाद से आए एक बुजुर्ग हफ्ते भर पहले अपनी बेटी को एम्स में लेकर आए थे. उनकी बेटी छत से नीचे गिर गई थी जिससे कमर की हड्डी टूट गई थी. जिसका ऑपरेशन जरूरी था, लेकिन डाक्टरों ने उन्हें बताया कि आज उनकी बेटी को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.जबकि ऑपरेशन की अभी कोई तारीख नहीं दी गई है.