भोपाल। बकरीद पर कुर्बानी का अपना महत्व है. कुर्बानी भी ज्यादातर बकरों की ही दी जाती है. बकरों की कीमत का मसला भी काफी दिलचस्प है. दुकानदार कहता है कि पिछले साल से बकरे सस्ते हैं. खरीददार नहीं मिल रहा. लेकिन जब ग्राहकों से पूछो तो वो कहते हैं, बकरे इतने महंगे हैं कि हमारे बजट से बाहर हैं.
इस बार महंगी पड़ रही है कुर्बानी
भोपाल में बकरों की कई मंडियां हैं. हर साल बकरीद आती है, लेकिन इस बार कोरोना का साया इस पर भी है. बकरा व्यापारी फिरोज का कहना है कि ये सही है कि पिछले साल से इस बार बकरा महंगा है. कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना आम लोगों के बस के बाहर होता जा रहा है. हमें पता है लोगों पर क्या बीत रही है. जब हमें ही चीज महंगी मिल रही है तो ग्राहकों को भी महंगी ही मिलेगी. फिरोज बताते हैं कि कई तरह के बकरे मंडी में हैं. ये 10 हजार से लेकर 40 हजार तक की रेंज में हैं. वैसे बाजार में लाखों रुपए के बकरे भी हैं. लेकिन अपने यहां मालवा नस्ल के ज्यादा चलते हैं. यहां लोकल माल ही ज्यादा खपता है.
बजट से बाहर बकरा
व्यापारी की अपनी समस्या है तो बकरों के बढ़ते दाम से खरीददार भी परेशान है. मंडी में बकरा खरीदने आए बाबर का कहना है कि बकरा खरीदना अब मिडिल क्लास के बस की बात नहीं है. आम तौर पर हमारे जैसे लोगों का बजट 8-12 हजार होता है. लेकिन इस रेंज में बकरा मिलता ही नहीं है. बाबर कहते हैं कि जरूरी नहीं है कि हर कोई बकरे की कुर्बानी दे. धार्मिक नजरिए की बात करें तो बाबर ने बताया कि अगर आपके बजट में हो, तभी बकरा खरीदें. अगर आप के पास पैसे नहीं है तो कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना जरूरी नहीं है. बस दिल से दुआ कर लें, वो भी उतना ही कमाल करेगी.
कुर्बानी पर कोरोना की मार