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15 से 22 तक चलेगा नशा विरोधी अभियान, प्रदेश के 15 जिलों में सबसे ज्यादा नशे का कारोबार - ड्रग माफिया

मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government) नशे के कारोबार के खिलाफ अब सख्त रुख अपना रही है. देश में पैर पसारता नशे का कारोबार खत्म करने की तैयारी में प्रदेश सरकार ने तस्करों को खत्म करने के आदेश दिए हैं. प्रदेश में सरकार 15 से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाने जा रही है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नशे की लत के कारण ही लव जिहाद जैसे प्रकरण सामने आते हैं.

Anti-drug campaign
नशा विरोधी अभियान

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Published : Dec 11, 2020, 4:59 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में नशे का कारोबार (drugs trafficking in Madhya Pradesh) पैर पसारता जा रहा है, और इसकी जद में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं. लिहाजा प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने आज इस संबंध में बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव, गृह विभाग के एसीएस और डीजीपी समेत आला अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने 15 से लेकर 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं.

सीएम की आपात बैठक
15 से 22 दिसंबर तक चलेगा विशेष अभियान

प्रदेश में नशे के कारोबार को लेकर 15 से 22 दिसंबर तक एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसे लेकर शासन ने सभी जिलों के एसपी और अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. विशेष अभियान के तहत सभी जिलों में नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आज हुई आपात बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि, ड्रग्स और नशीले पदार्थों का कारोबार करने वाले मानवता के दुश्मन हैं. इन्हें किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाना चाहिए. प्रदेश ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. इसके लिए एक विशेष अभियान चलाकर ड्रग माफियाओं की जड़ों पर प्रहार किया जाना चाहिए. सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि, जहां एक तरफ ड्रग्स और नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ कोई नमी नहीं बरती जानी है. वहीं नशा करने वाले बच्चों के प्रति सहानुभूति रखी जानी चाहिए और उन्हें स्नेह से नशे की लत छुड़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए.

प्रदेश के 15 जिलों में सबसे ज्यादा नशे का कारोबार

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को प्रदेश के 15 जिलों की एक सूची सौंपी है. इस सूची के लिहाज से प्रदेश के 15 जिलों में सबसे ज्यादा नशे का कारोबार चल रहा है. जिनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नीमच, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद और ग्वालियर समेत 15 जिले शामिल हैं. वहीं पिछले दिनों इंदौर में हुई कार्रवाई की सीएम ने सराहना करते हुए कहा है कि इस तरह की कार्रवाई पूरे प्रदेश में की जानी चाहिए. इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आई ड्रग वाली आंटी के तार, मुंबई, गोवा और नाईजिरिया तक जुड़े हुए हैं. लिहाजा ऐसे कारोबारियों की जड़ों तक जाकर उनका पूरा नेटवर्क ध्वस्त करने के निर्देश भी सीएम ने दिए हैं.

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नशे की लत के कारण ही लव जिहाद जैसे प्रकरण सामने आते हैं- गृहमंत्री

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नशे की लत के कारण ही लव जिहाद जैसे प्रकरण सामने आते हैं. इसलिए सरकार ने संकल्प लिया है कि प्रदेश में सभी ड्रग माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ड्रग माफिया प्रदेश से बाहर चले जाएं नहीं तो उनकी खैर नहीं है.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
शिवराज के 15 साल में पनपे माफिया

इस सिलसिले में मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ड्रग माफियाओं के पकड़े जाने के बाद शिवराज सरकार जागी है और आपात बैठक के नाम पर सिर्फ दिखावटी काम कर रही है. मध्य प्रदेश में सभी तरह के माफिया शिवराज सिंह के 15 साल के शासन काल में पनपे हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि इंदौर में हाई प्रोफाइल महिला ड्रग माफिया के पकड़े जाने के बाद और नशे के अवैध बड़े कारोबार की परतें खुलने के बाद शिवराज सरकार नींद से जागी है. ड्रग माफिया पर कार्रवाई को लेकर सीएम शिवराज ने आज एक आपात बैठक बुलाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिखावटी निर्देश दिए हैं.

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दिखावटी बैठक से कुछ नहीं होने वाला

कम उम्र के युवाओं को इसका शिकार बनाया जाता है. इस नशे के जाल में फंस कर कई युवक-युवतियां बर्बाद हो चुके हैं. कई परिवारों के चिराग बुझ चुके हैं और कई परिवार कर्ज के दलदल में फंस चुके हैं. सारे नशा बिक्री केंद्रों की जानकारी प्रशासन के अधिकारियों के पास है. लेकिन वसूली कर इन्हें जमकर संरक्षण दिया जा रहा है. प्रदेश के होनहार युवाओं के भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है. शिवराज सरकार (Shivraj government) यदि वाकई में प्रदेश के युवाओं को नशे के दलदल से बचाना चाहती है, तो इन माफियाओं के खिलाफ कमलनाथ सरकार की तरह कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. सिर्फ 1 दिन की आपात बैठक बुलाकर दिखावटी कार्रवाई से कुछ नहीं होने वाला है.

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