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महाराजा कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय का विरोध, 3 कांग्रेस विधायकों ने आंदोलन का किया ऐलान, राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा

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Published : Oct 4, 2021, 3:54 PM IST

छतरपुर के स्वशासी महाराजा कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय को लेकर विरोध जताया गया. तीन विधायकों ने इस फैसले के विरोध में राज्यपाल मंगूभाई पटेल को ज्ञापन सौंपा.

महाराजा कॉलेज
महाराजा कॉलेज

भोपाल/छतरपुर।130 वर्ष पुराने सरकारी स्वशासी महाराजा कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय किया जा रहा है. लेकिन इस फैसले का छतरपुर में व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया है. जिले के तीन कांग्रेस विधायकों ने विलय के खिलाफ जन-आंदोलन का एलान किया है. उन्होंने कहा सरकार ने महाराज कॉलेज को तानाशाही से छीनकर अच्छा नहीं किया, इस निर्णय के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी.

राज्यपाल से विधायकों की मांग

सोमवार को तीनों कांग्रेसी विधायकों ने राजधानी भोपाल में राज्यपाल मंगू भाई पटेल से भेंट कर शासकीय स्वशासी महाराजा महाविद्यालय का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में किए गए संविलियन को निरस्त कर दोनों संस्थानों को प्रथक संचालित करने की मांग की है. इस दौरान विधायकों ने एक ज्ञापन भी सौंपा है.

कांग्रेस ने जन आंदोलन की चेतावनी दी

राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए छतरपुर से कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने छतरपुर के स्वाभिमान के प्रतीक और भावनाओं के केन्द्र महाराजा कॉलेज को तानाशाही दिखाकर हमसे छीन लिया है. सरकार को 9 वर्ष पहले घोषित किए गए विश्वविद्यालय का भवन न बनाना पड़े इसलिए हमारे संपदा संपन्ना कॉलेज को छीनकर इस पर विश्वविद्यालय का बोर्ड लगा दिया गया.

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कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय सरकार का अन्यायपूर्ण कदम है. सरकार का यह निर्णय तकनीकी रूप से दोषपूर्ण और नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने की साजिश वाला है. विधायकों ने कहा इस विलय के विरूद्ध कांग्रेस अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जन आंदोलन खड़ा करेंगे.

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