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MP Political Gossips: इस दिवाली पर एक बयानवीर दूसरे दर्शनीय नेता, बताओ तो कितने आदमी थे.?

मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर चुनावी साल के पहले की इस दिवाली पर सियासी दल के नेताओं को परफॉर्मेंस की तलवार चैन से रूतबे वाली दिवाली मनाने नहीं दे रही. इधर अमित शाह के ग्वालियर दौरे को लेकर सिंधिया की साख दांव पर लगती नजर आ रही है.सिंधिया समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाकायदा भीड़ जुटाने का टारगेट भी दिया गया है. फिर भी तजुर्बे या चेहरे पर वोट की चर्चा को लेकर तेज हो रही है आवाज की ये कहानी बहुत स्पेशल है. स्पेशल क्यों हैं यह भी बताएंगे जरा सब्र तो करो. (Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips) (Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers).

Andar Ki Laye Hain
अंदर की लाए हैं

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Published : Oct 16, 2022, 7:51 AM IST

Updated : Oct 16, 2022, 8:53 AM IST

भोपाल।बीजेपी के मंत्रियों की तैयारी ये है कि चुनावी साल के पहले की इस दिवाली को यादगार कैसे बनाएं. संकट ये कि दिवाली के एन बाद इन मंत्रियों की परफर्रामेंस परखी जानी है और तैयार होना है रिपोर्ट कार्ड. जाहिर है उसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर कौन कमजोर और कौन मजबूत ये भी तय होगा. असल में मंत्री भी जानते हैं कि, आने वाले साल की दीपावली आने तक तो चुनावी माहौल पूरी तरह शबाब पर आ जाएगा. मुमकिन है कि, चुनाव की तारीखों का भी एलान हो चुका हो. अब कौन जानता है कि, सत्ता वाली दिवाली मनाने का मौका फिर किसे मिल पाता हैं, लेकिन परर्फारमेंस की तलवार है कि उन्हें चैन से रूतबे वाली दिवाली मनाने नहीं दे रही.(Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips) (Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers).

अंदर की लाए हैं
एक बयानवीर दूसरे दर्शनीय नेता जी:कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में भोपाल पहुंचे उम्मीदवार समर्थन जुटा पाए या नहीं, लेकिन इतना गारंटी से जान लीजिए कि दोनों दिग्गज नेता सीन बनाने में कामयाब रहे. मल्लिकार्जुन खड़गे की भोपाल यात्रा को ना तो वो खुद और ना कांग्रेसी कभी भूल पाएंगे. बकरा ईद और मोहर्रम का जिक्र आएगा तो तय मानिए कि खड़गे जी भी याद आएंगे. खड़गे साहब ने भरपूर सफाई भी दी, लेकिन जो दांव उल्टा पड़ गया जनाब उसे संभाल नहीं पाए.

तजुर्बे पर या चेहरे पर वोट:इधर जो दूसरे उम्मीदवार पीसीसी मुख्यालय पहुंचे उनके आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संभालना मुश्किल हो रहा था. वो इसलिए क्योंकि, कांग्रेस में दर्शनीय कैटेगरी में रखे जाने वाले शशि थरुर वो नेता हैं, जिनके बयान से ज्यादा तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती हैं. लिहाजा उनके साथ सैल्फी के ख्वाहिशमंदों की भी लंबी कतार थी. अब चर्चा ये चल रही है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के तजुर्बे पर वोट पड़ते हैं या शशि थरुर के चेहरे पर.

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बताओ तो कितने आदमी थे:शोले का वो डायलॉग याद है ना..बताओ कितने आदमी थे. ग्वालियर चंबल में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद मुमकिन है कि, ये सवाल सिंधिया समर्थक बीजेपी के उन नेताओं से पूछा जाए जिन्हें शाह के कार्यक्रम के दौरान भीड़ जुटाने की जवाबदारी सौंपी गई. असल में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे के दौरान सिंधिया की साख दांव पर लगी रही और सिंधिया समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाकायदा भीड़ जुटाने का टारगेट भी दिया गया. अब चूंकि चुनाव के पहले का साल है लिहाजा विधायकों की चिंता भी जायज है कि, अगर कहीं परफार्मेंस जरा सी भी बिगड़ी तो सीधे उनकी उम्मीदवारी पर असर दे जाएगी. सुना तो ये भी है कि, गृह मंत्री के जाने के बाद बाकायदा क्लास भी लगेगी और एक एक जिम्मेदार से पूछा जाएगा बताओ किसके कितने आदमी थे. (Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips) (Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers).

वैधानिक चेतावनी: इस सेग्मेंट में किसी भी नेता और अधिकारी के निजी जीवन से कोई लेना देना नहीं है, यह आर्टिकल मध्य प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं की गॉसिप्स है.

Last Updated : Oct 16, 2022, 8:53 AM IST

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