संक्रमण के लक्षण तब दिखते हैं. जब सियासी सुर्खियां बनती हैं कि फला नेता की चला चली की बेला है. यानि छुट्टी कभी भी हो सकती है. तो बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव को लेकर कयासों की रेल दौड़ाई गई. कुछ जानकार तो तारीख तक देने लगे कि किस तारीख से बीजेपी के संगठन में निजाम बदल जाएगा. लेकिन सुना है कि कहानी पलट गई है. चर्चा अब ये हो रही है कि अध्यक्ष जी को सियासत में जीवनदान मिल गया है. फिलहाल बदलावपुर की सारी संभावनाएं सिरे से खारिज हैं और असल में अध्यक्ष जी का अपना आत्मविश्वास भी चीख चीखकर ये कह रहा है कि, हम तो बूस्टर डोज लगवाकर आए हैं. फिलहाल संक्रमण की कोई संभावना नहीं है. (Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips)
मुस्लिम आईएएस और हिंदुत्व की हुंकार:आईएएस अफसर को क्यों सुर्खियों में होना चाहिए. अपने काम को लेकर ना. काम एमपी के ये अफसर भी कर रहे हैं लेकिन कुछ ऐसा कि भीड़ में अलग से दिखाई जाएं. भीड़ में अलग दिखने के उपक्रम उन्होने पहले भी किए. लेकिन जरा वो धारा के विपरीत चल देने का मामला था. ये वही आईएएस अधिकारी हैं. जिनके ट्वीट पर लंबे समय तक सरकार की नज़र लगी रही थी. देखना कहीं कुछ ऐसा वैसा ट्वीट तो नहीं कर दिया. खैर इसका पर्याप्त खामियाजा भुगत लेने के बाद अब साहब संभले भी हैं और उन्हें राह भी नई पकड़ ली है. धारा के विपरीत तो अब भी हैं. और उनके ट्वीट तलाश कर पढ़े जाएं ये मसाला भी वो देते रहते हैं. लेकिन वजह बदल गई हैं. मध्यप्रदेश के ये मुस्लिम आईएएस अधिकारी गहन अध्ययन के बाद दुनिया को एक किताब की शक्ल में ये बताने की तैयारी में है कि ब्राम्हण क्यों श्रेष्ठ कहलाते जाते हैं.