भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के नर्मदापुरम के लोकप्रिय हिल स्टेशन पचमढ़ी में दो दिवसीय कैबिनेट की बैठक करेंगे.बैठक 26-27 मार्च को होगी. आमतौर पर, कैबिनेट की बैठक सीएम हाउस या फिर सचिवालय में आयोजित की जाती , लेकिन बजट के बाद की कैबिनेट की बड़ी बैठक राजधानी से बाहर हिल स्टेशन पचमढ़ी में होगी. कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए फिजूलखर्ची बताया है. कांग्रेस का आरोप है कि बैठक में तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कर्ज में डूबी हुई सरकार की यह फिजूलखर्ची, कर्ज लेकर घी पीने वाली आदत के जैसी है.
प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने पर रणनीति
बैठक के एजेंडे के मुताबिक बैठक मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के मुद्दे पर होगी. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना मुख्यमंत्री चौहान और उनके कैबिनेट मंत्रियों का नारा रहा है. राज्य के बाहर कैबिनेट की बैठक होने पर एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है. क्योंकि इस तरह की बैठकें पहले भी भोपाल के अलावा अन्य जगहों पर भी होती थीं.
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल होंगे 30 कैबिनेट सहयोगी
कार्यक्रम के मुताबित मुख्यमंत्री अपने 30 कैबिनेट सहयोगियों के साथ शुक्रवार की शाम बस से पचमढ़ी के लिए रवाना होंगे. वे 27 मार्च को भोपाल लौटेंगे, पचमढ़ी में सीएम चौहान व अन्य कैबिनेट सदस्य राज्य पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटल में ठहरेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि बैठक के दौरान राज्य को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जाए, इस पर बातचीत होगी. मुख्यमंत्री चौहान के मंत्रियों के साथ आमने-सामने बातचीत करने की भी संभावना है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल, बताया फिजूलखर्ची
करीब 3 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार विकास पर मंथन के लिए 3 दिन हिल स्टेशन पचमढ़ी पर बिताएंगी. सरकार के इस तीन दिन के आयोजन पर तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कांग्रेस ने सरकार के इस आयोजन को फिजूलखर्जी बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि क्या भोपाल में कांटे लगे हैं, जो सरकार को रणनीति बनाने पचमढ़ी जाना पड़ रहा है.
इस साल 3 लाख करोड़ के पार हो जाएगा एमपी पर कर्ज
प्रदेश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. मौजूदा स्थिति के अनुसार
- मार्च 2022 में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है.