गुना। गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ भीषण जल संकट दिखाई देने लगा है. प्रशासन योजनाओं के लिए करोड़ों रुपए का बजट रखती है, लेकिन यह कार्य योजना केवल कागजों पर ही सिमट कर रह जाती है. चार विधानसभा क्षेत्रों और पांच विकासखंडों के ग्रामीणों के लिए जल संकट एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिले में लगभग 7,375 हैंडपंप हैं, जिनमें से करीब 1000 हैंडपंप सूख चुके हैं.
गुना में गहराया जलसंकट, बैठक कर केवल कार्ययोजना तैयार करते हैं अधिकारी
गुना में भारी पेयजल संकट है. इनमें से भी 4 विधानसभा क्षेत्रों बमोरी, आरोन, चाचौड़ा और राघौगढ़ में पानी की समस्या ज्यादा है. खासतौर पर बमोरी के ग्रामीण अंचलों में जलसंकट का खतरा सबसे ज्यादा गहराया हुआ है.
गुना की बमोरी, आरोन, चाचौड़ा और राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा जलसंकट शामिल हैं. बमोरी में पानी की सबसे ज्यादा कमी है. वहीं जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन मंत्री मुकुल भटनागर को जिले में कोई बड़ी जल समस्या नहीं दिखाई देती. इनके अनुसार जल संसाधन विभाग ने जिले के प्रत्येक विकासखंड में मोबाइल टीम टेक्नीशियन के साथ गठित की है, जो जिले के विभिन्न गांव में बंद पड़े हैंडपंपों को ठीक कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जिले में 7,375 हैंडपंप हैं, जिसमें से 6,499 हैंडपंप चल रही हैं और करीब 876 हैंडपंप जलस्तर गिर जाने के कारण सूख गए हैं. वहीं जल संकट से निपटने के लिए प्रशासन हैंडपंप में मोटर डालकर काम चला रही है. हालांकि जल संसाधन विभाग के यह प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं.