शिवपुरी। शहर से करीब 30 किलोमीटर घनघोर जंगल के बीचोंबीच मां बलारी का भव्य मंदिर स्थित है. यहां हर नवरात्रि पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां माता रानी तीन रूपों में विराजमान रहती हैं, जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं, दोपहर के समय किशोरावस्था और सायंकाल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं.
तीन रूप धारण करती हैं मां बलारी, जानें इस चमत्कारी मंदिर की लीला - देवी
मां बलारी के मंदिर में माता तीन रूपों में विराजमान रहती हैं, जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं, दोपहर के समय किशोरावस्था और सायंकाल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं.
मां बलारी मंदिर
हर नवरात्रि के छठवें और सातवें दिन मां बलारी के मंदिर में मेला लगाया जाता है. भक्तों का मानना है कि घनघोर जंगल में विराजमान मां बलारी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. मंदिर के महंत ने बताया कि यहां डाकुओं का गिरोह भी जंगलों में रहा करता था और घंटा चढ़ाने माता के दरबार में डकैत आया करते थे.