होशंगाबाद। इटारसी में श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में भगवान शिव का पूजन एवं रूद्राभिषेक कराया जा रहा है. जहां ब्राह्मणों द्वारा लगातार महामृत्युंजय का जाप किया जा रहा है. इस दौरान पं. विनोद दुबे ने कहा, सृष्टि का पालनहार और संहारक एक ही है. जिसे अभ्यंकरण, प्रलयंकर, आशुतोष, औघड़दानी भगवान शिव के रूप में जाना जाता है. श्रावण मास में शिव की विशेष आराधना की जा रही है और अरब सागर एवं सात पवित्र नदियों के जल से भगवान शिव का अभिषेक कराया गया एवं श्मशान की ताजा राख भी शिव जी को लगाई गई और उनके प्रिय फल धतूरे का भोग भी उन्हें लगाया गया.
श्रावण मास में शिव की विशेष आराधना, श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में रोज हो रहा रुद्राभिषेक - temple in Hoshangabad
इटारसी में स्थित श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में श्रावण मास के चलते भगवान शिव का पूजन एवं रुद्राभिषेक कराया जा रहा है.
पं. विनोद दुबे ने कहा, हिंदू धर्म में श्रावण मास का अभिषेक महत्व है, क्योंकि भगवान शिव की आराधना इसी माह में की जाती है, उन्हें प्रसन्न करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए व्रत रखे जाते है, परंतु सोमवार का व्रत अपना विशेष महत्व रखता है. पं. विनोद दुबे ने बताया कुंवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार का व्रत रामबाण जैसा है, इस व्रत को करने से मनचाहा पति मिल जाता है.
उन्होंने बताया, नारद पुराण के अनुसार सावन मास में सोमवार के दिन जो व्रत रखते हैं, उन्हें सुबह और शाम भगवान शिव के मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन अर्चन करना चाहिए एवं सोमवार की व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए. शाम को पूजा के बाद अपना व्रत खोल लेना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोल लेना चाहिए याने कि एक समय भोजन कर लेना चाहिए.