ग्वालियर। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 समर्थक भले ही बीजेपी में शामिल हो गए हों, लेकिन पार्टी ने नेताओं में अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के भीतर चल रहा मनमुटाव अब खुलकर सामने आने लगा है. सिंधिया के राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद शहर में लगाए गए बधाई के पोस्टरों से जयभान पवैया की तस्वीर गायब है, जिसे सिंधिया और जयभान पवैया के बीच की अनबन से जोड़कर देखा जा रहा है.
सिंधिया समर्थकों के पोस्टरों से जयभान सिंह पवैया की फोटो गायब - जयभान पवैया की तस्वीर गायब
सिंधिया के राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद शहर में लगाए गए बधाई के पोस्टरों से जयभान पवैया की तस्वीर गायब है, जिसे सिंधिया और जयभान पवैया के बीच मनमुटाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
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नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन पर लगाए गए पोस्टरों से सिंधिया के गायब होने के बाद, अब सिंधिया के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के मौके पर लगाए गए पोस्टर से उनके विरोधी माने जाने वाले जयभान सिंह पवैया गायब हैं, जबकि इन पोस्टर्स में न केवल ग्वालियर के पूर्व विधायकों, बल्कि मुरैना से रुस्तम सिंह और अशोकनगर से महेंद्र सिंह सिसोदिया तक को स्थान दिया गया है.
इस पोस्टरबाजी से राजनीति के गलियारों में तरह- तरह की चर्चा गर्म है. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने से इन लोगों के दल तो मिल गए, लेकिन दिल अभी तक नहीं मिल पाए हैं. इसके साथ ही जिस तरीके से जयभान सिंह पवैया लगातार सिंधिया के खिलाफ मुखर होते रहे हैं, शायद यही कारण है कि, सिंधिया समर्थकों ने जब सिंधिया के राज्यसभा सदस्य चुने जाने पर पोस्टर लगाए, तो उनके धुर विरोधी जयभान सिंह पवैया को जगह देना उचित नहीं समझा.